भारत सरकार ने साल 2021 में India Semiconductor Mission शुरू किया और अब तक 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश को मंजूरी दी है। टाटा, माइक्रॉन, CG Power जैसे दिग्गज तो मैदान में हैं ही, लेकिन असली गेम-चेंजर बन रही हैं कुछ नई भारतीय सेमीकंडक्टर स्टार्टअप्स। ये छोटी-छोटी कंपनियाँ अगले 5-7 साल में भारत को $100 बिलियन सेमीकंडक्टर मार्केट (लगभग 8.5 लाख करोड़ रुपये) तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाएंगी।
आज हम बात करेंगे ऐसी ही 5 होमग्रोन सेमीकंडक्टर स्टार्टअप्स की जो अभी चर्चा में हैं और जिनमें निवेशकों की भारी दिलचस्पी है।
1. Saankhya Labs (बेंगलुरु)
- स्थापना: 2007 (अब Tejas Networks का हिस्सा)
- खासियत: विश्व की पहली SDR (Software Defined Radio) चिप बनाने वाली भारतीय कंपनी
- प्रोडक्ट: 5G, ब्रॉडकास्ट और डिफेंस के लिए देशी चिप्स
- उपलब्धि: भारत की पहली 5G चिप ‘Pruthvi’ लॉन्च, अब BSNL के 4G/5G नेटवर्क में इस्तेमाल हो रही है
- हालिया अपडेट: 2024-25 में डिफेंस और सैटेलाइट कम्युनिकेशन के लिए नई चिप्स लॉन्च करने की तैयारी
2. Mindgrove Technologies (चेन्नई)
- स्थापना: 2022 (IIT मद्रास इनक्यूबेटेड)
- खासियत: भारत की पहली कमर्शियल हाई-परफॉर्मेंस RISC-V माइक्रोकंट्रोलर चिप “Secure IoT”
- फाउंडर्स: पूर्व Qualcomm और Intel इंजीनियर्स
- फंडिंग: 2024 में ₹50 करोड़ से ज्यादा जुटाए, निवेशक – Peak XV, Rocketship.vc, Speciale Invest
- इस्तेमाल: स्मार्ट मीटर, वियरेबल्स, ऑटोमोटिव और डिफेंस में
- 2025 प्लान: 28nm पर दूसरी हाई-एंड चिप लॉन्च करने की तैयारी
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3. C2i semiconductors (बेंगलुरु)
- स्थापना: 2021
- फोकस: ऑटोमोटिव ग्रेड माइक्रोकंट्रोलर और एनालॉग चिप्स
- खास बात: 180nm से 40nm तक की चिप्स डिजाइन कर रही है
- फंडिंग: 2024-25 में ₹100 करोड़+ सीड और सीरीज A राउंड
- क्लाइंट्स: पहले से ही दो बड़े भारतीय ऑटो कंपनियों के साथ प्रोडक्शन कॉन्ट्रैक्ट
- मिशन: 2030 तक भारत वेहिकल इलेक्ट्रॉनिक्स में 50% लोकल चिप्स का लक्ष्य पूरा करने में मदद
4. Morphing Machines (बेंगलुरु)
- स्थापना: 2011 (IISc स्पिन-ऑफ)
- टेक्नोलॉजी: विश्व की पहली “Polymorphic” प्रोसेसर आर्किटेक्चर
- फायदा: एक ही चिप अलग-अलग काम के लिए अपना रूप बदल लेती है – AI, 5G, डिफेंस में गेम-चेंजर
- हालिया फंडिंग: DRDO और MeitY से ग्रांट + प्राइवेट निवेश
- 2025 में पहली कमर्शियल चिप टेप-आउट होने की खबर
5. Signalchip Innovations (बेंगलुरु)
- स्थापना: 2010
- उपलब्धि: भारत की पहली स्वदेशी 4G/LTE और 5G मॉडेम चिप्स “Agumbe” सीरीज
- खासियत: एक ही चिप में 2G/3G/4G/5G/NB-IoT सपोर्ट
- स्थिति: पहले ही भारत नेट प्रोजेक्ट और डिफेंस में इस्तेमाल हो रही चिप्स
- अब फोकस: 5G RedCap और प्राइवेट नेटवर्क चिप्स पर
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2030 तक भारत का सेमीकंडक्टर मार्केट – क्या है संभावना?
- McKinsey रिपोर्ट के अनुसार भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2022 के $27 बिलियन से बढ़कर 2030 तक $100-110 बिलियन हो जाएगा।
- इसमें 60% हिस्सा रहेगा Fabless डिजाइन कंपनियों और OSAT (आउटसोर्स्ड असेंबली) का।
- ऊपर बताई गई 5 स्टार्टअप्स इसी Fabless सेगमेंट की लीडर बनने जा रही हैं।
निष्कर्ष
टाटा और माइक्रॉन जैसे बड़े प्लेयर जहाँ फेब्रिकेशन प्लांट लगा रहे हैं, वहीं Saankhya, Mindgrove, C2i, Morphing Machines और Signalchip जैसी स्टार्टअप्स चिप डिजाइन में भारत को विश्व लीडर बनाने की नींव रख रही हैं।
अगले 3-5 साल में ये कंपनियाँ IPO भी ला सकती हैं और निवेशकों के लिए यह सेक्टर अभी “गोल्डन एंट्री पॉइंट” है।
कौन सी स्टार्टअप आपको सबसे ज्यादा पसंद आई? कमेंट करके जरूर बताएं।
डिस्क्लेमर: ये आर्टिकल इनवेस्टमेंट एडवाइस नहीं है। मार्केट रिस्क सेब्जेक्ट टू है। अपनी रिसर्च करें।
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