क्या आप तैयार हैं भारत के शेयर बाजार के लिए एक धमाकेदार खबर सुनने को? वैश्विक निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने भारत को लेकर अपनी राय पूरी तरह पलट दी है! अक्टूबर 2024 में जहां उन्होंने भारतीय इक्विटी को डाउनग्रेड किया था, वहीं अब सीधे ‘ओवरवेट’ (Overweight) रेटिंग दे दी है। और सबसे बड़ा धमाका? निफ्टी (Nifty) इंडेक्स को 2026 के अंत तक 29,000 के स्तर पर पहुंचने का टारगेट सेट कर दिया है। वर्तमान स्तरों से ये लगभग 14 फीसदी की तेजी का संकेत देता है। अगर आप निवेशक हैं, तो ये खबर आपके लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है!
क्यों बदला गोल्डमैन सैक्स का मन? सितंबर क्वार्टर के रिजल्ट्स ने मचाया धमाल
Goldman Sachs के इस अपग्रेड के पीछे सबसे बड़ा कारण है सितंबर क्वार्टर (Q2 FY25) के कॉर्पोरेट अर्निंग्स। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनियों के मुनाफे उम्मीदों से कहीं बेहतर निकले, जिससे चुनिंदा सेक्टर्स में अपग्रेड्स की बाढ़ आ गई। बैंक का अनुमान है कि MSCI India प्रॉफिट्स 2025 में 10 फीसदी बढ़ेंगे, जो 2026 में और तेज होकर 14 फीसदी तक पहुंच जाएंगे। ये ग्रोथ मजबूत नॉमिनल GDP एनवायरनमेंट (nominal growth environment) से सपोर्टेड होगी।
बैंक ने कहा, “हालिया ट्रेंड्स सेंटीमेंट में टर्नअराउंड (turnaround in sentiment) दिखा रहे हैं। वैल्यूएशंस कूल हो चुके हैं और फॉरेन रिस्क अपेटाइट (foreign risk appetite) में सुधार हो रहा है।” आसान भाषा में कहें तो, शेयरों के दाम अब ज्यादा महंगे नहीं लग रहे, और विदेशी निवेशक फिर से भारत की ओर रुख कर रहे हैं। ये खबर उन निवेशकों के लिए राहत की सांस है, जो पिछले कुछ महीनों से बाजार की सुस्ती से परेशान थे।
मास कंजम्पशन रिकवरी: 2026-27 तक ग्रामीण और अर्बन दोनों क्षेत्रों में उछाल
Goldman Sachs ने मास कंजम्पशन (mass consumption) सेक्टर पर खास नजर डाली है। उनका मानना है कि अगले दो सालों में ये रिकवरी तेज गति पकड़ेगी। कारण?
- लो फूड इन्फ्लेशन (low food inflation) – खाने-पीने की चीजों के दाम कंट्रोल में।
- स्ट्रॉन्ग एग्रीकल्चरल साइकल (strong agricultural cycle) – किसानों को अच्छी फसल और आय।
- GST रेट कट्स के लैग्ड इफेक्ट्स (lagged effects of GST rate cuts) – पुराने टैक्स कट्स अब असर दिखा रहे।
- की स्टेट्स में अपकमिंग इलेक्शंस (upcoming elections in key states through 2026-27) – जैसे बिहार, तमिलनाडु आदि में चुनावी खर्च से बूस्ट।
- 8th पे कमीशन से पोटेंशियल वेज हाइक्स (potential wage hikes from the 8th Pay Commission) – सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ने से मिडिल क्लास की खरीदारी पावर मजबूत।
ये फैक्टर्स कंज्यूमर सेगमेंट्स को बूस्ट देंगे, खासकर FMCG, रिटेल और ऑटो सेक्टर्स को। अगर ये अनुमान सही निकले, तो ग्रामीण भारत भी बाजार की रफ्तार में शामिल हो जाएगा!
बैंकिंग सेक्टर में 15% प्रॉफिट ग्रोथ: RBI के कदमों से क्रेडिट बूस्ट
बैंकिंग सेक्टर को लेकर भी Goldman Sachs बुलिश है। RBI के कैपिटल ईजिंग मेजर्स (capital easing measures) से प्राइवेट क्रेडिट ग्रोथ (private credit growth) को सपोर्ट मिलेगा। एसेट क्वालिटी स्टेबलाइज हो रही है, और बैंक रेगुलेशन टेलविंड्स (bank regulation tailwinds) से फायदा। नतीजा? बैंकिंग प्रॉफिट्स 2026 में 15 फीसदी बढ़ेंगे, जो इस साल के 8 फीसदी से दोगुना है। लोन ग्रोथ रिकवरी (loan growth recovery) से ये सेक्टर चमकेगा।
हिंदू बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, ये अपग्रेड ग्रोथ रिवाइवल प्रॉस्पेक्ट्स (growth revival prospects) पर आधारित है, जहां अर्निंग्स ग्रोथ ही मुख्य ड्राइवर बनेगी।
निवेशकों के लिए क्या मतलब? 14% अपसाइड का मौका, लेकिन सावधानी बरतें
Goldman Sachs का ये व्यू भारत को इमर्जिंग मार्केट्स में टॉप पिक बना सकता है। निफ्टी 29,000 का टारगेट सुनने में तो शानदार लगता है, लेकिन याद रखें – मार्केट वोलेटाइल रहता है। ग्लोबल फैक्टर्स जैसे US इंटरेस्ट रेट्स, जियो-पॉलिटिकल टेंशंस और लोकल इकोनॉमी के अपडेट्स पर नजर रखें। अगर आप लॉन्ग-टर्म इनवेस्टर हैं, तो कंजम्पशन और बैंकिंग स्टॉक्स पर फोकस करें।
(स्रोत: IANS, हिंदू बिजनेसलाइन और अन्य विश्वसनीय रिपोर्ट्स। निवेश से पहले फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें।)
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