भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की भूमिका किसी जादू से कम नहीं। जब ये निवेशक बाजार में एंट्री लेते हैं, तो स्टॉक की चमक बढ़ जाती है, और जब बाहर निकलते हैं, तो हलचल मच जाती है। हालिया आंकड़ों से साफ है कि FII अब चुनिंदा कंपनियों पर फोकस कर रहे हैं, जहां विकास की संभावनाएं चमक रही हैं। लेकिन सवाल यह है – क्या रिटेल निवेशकों को भी इन्हीं शेयरों पर दांव लगाना चाहिए? आइए, इन टॉप 5 स्टॉक्स पर नजर डालें, जहां FII होल्डिंग 60% से ऊपर पहुंच चुकी है, और समझें इसके पीछे का लॉजिक।
FII निवेश: बाजार की दिशा तय करने वाला फैक्टर
भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद और डिजिटल क्रांति ने FII को आकर्षित किया है। ये निवेशक लंबी अवधि के प्रॉफिट पर नजर रखते हैं, लेकिन बाजार की अस्थिरता में जल्दी एक्जिट भी कर लेते हैं। FY24 के आंकड़ों के मुताबिक, FII होल्डिंग वाली कंपनियों में औसतन 20-30% की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, याद रखें – ऊंची FII होल्डिंग हमेशा गारंटीड रिटर्न नहीं देती। एक बड़ा सेलऑफ स्टॉक को नीचे धकेल सकता है। फिर भी, ये स्टॉक्स विकास की कहानी बयां करते हैं।
टॉप 5 स्टॉक्स: FII की पसंदीदा पसंद
यहां वे पांच कंपनियां हैं, जहां FII ने सबसे ज्यादा दांव लगाया है। इनमें डिजिटल प्लेटफॉर्म से लेकर वेल्थ मैनेजमेंट तक का मिश्रण है:
कारट्रेड टेक लिमिटेड (CarTrade Tech Ltd) FII होल्डिंग: 68.5% ऑटो सेक्टर का यह डिजिटल मार्केटप्लेस प्रमोटर-मुक्त है, यानी कोई बड़ा प्रमोटर स्टेक नहीं। टेमासेक और वॉर्बर्ग पिंकस जैसे ग्लोबल फंड्स ने यहां भारी निवेश किया। क्यों? क्योंकि ऑनलाइन कार खरीद-बिक्री का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और EV शिफ्ट इसे और बूस्ट देगा। हालिया क्वार्टर में रेवेन्यू 25% ऊपर चढ़ा।
अर्बन कंपनी (Urban Company) FII होल्डिंग: 67.4% होम सर्विसेज, ब्यूटी और वेलनेस का यह ऐप IPO के समय ही ग्लोबल क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) का चहेता बना। फिडेलिटी, नोमुरा और नॉर्वे का गवर्नमेंट पेंशन फंड जैसे निवेशकों ने जोरदार एंट्री ली। कारण? पोस्ट-पैंडेमिक, लोग घरेलू सेवाओं पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं, और कंपनी का यूजर बेस 50 मिलियन से पार।
360 वन वेल्थ एंड एसेट मैनेजमेंट (360 ONE WAM) FII होल्डिंग: 65.9% पहले IIFL वेल्थ के नाम से जानी जाने वाली यह कंपनी वेल्थ मैनेजमेंट और एसेट मैनेजमेंट में माहिर है। जनरल अटलांटिक सिंगापुर फंड जैसे बड़े खिलाड़ी यहां सक्रिय हैं। क्यों निवेश? भारत में हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNI) की संख्या 3 लाख से ज्यादा हो गई है, और AUM 4 लाख करोड़ पार। स्टेबल ग्रोथ का राजा!
रेडिंगटन लिमिटेड (Redington) FII होल्डिंग: 61.8% यह प्रमोटर-रहित कंपनी IT डिस्ट्रीब्यूशन में लीडर है, खासकर मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में। FY19 में 34% से बढ़कर अब 61.8% FII होल्डिंग – दोगुनी छलांग! वजह? सप्लाई चेन की मजबूती और क्लाउड कंप्यूटिंग डिमांड। हालिया रिपोर्ट्स में प्रॉफिट 15% ऊपर।
ले ट्रेवेन्यूज टेक (ixigo) FII होल्डिंग: 59.6% ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग का यह प्लेटफॉर्म टियर-2 और टियर-3 शहरों पर फोकस्ड है। प्रोफेशनली मैनेज्ड होने से विदेशी फंड्स को हाई-ग्रोथ दिख रही। क्यों? ट्रैवल इंडस्ट्री रिकवर हो रही है, और ixigo का ऐप 20 मिलियन डाउनलोड्स के साथ मजबूत।
FII होल्डिंग: फायदे और जोखिम
FII की मौजूदगी स्टॉक को वैल्यूएशन बूस्ट देती है, लेकिन यह ‘फेयर-वेदर फ्रेंड’ है। 2022 की तरह जब FII ने $20 बिलियन निकाले, तो निफ्टी 20% गिरा। रिटेल निवेशकों के लिए टिप: सिर्फ FII पर न जाएं। कंपनी के फंडामेंटल्स, P/E रेशियो और सेक्टर ट्रेंड्स चेक करें। अगर लॉन्ग-टर्म होल्डर हैं, तो ये स्टॉक्स पोर्टफोलियो में 10-15% रख सकते हैं।
आगे की राह: क्या उम्मीद करें?
भारत की GDP ग्रोथ 7% रहने से FII फ्लो बढ़ेगा, लेकिन ग्लोबल इंटरेस्ट रेट्स और जियो-पॉलिटिकल टेंशन पर नजर रखें। एक्सपर्ट्स का मानना है कि डिजिटल और कंज्यूमर सेक्टर में FII का रुझान जारी रहेगा।
अधिक अपडेट्स के लिए स्टॉक मार्केट, पर्सनल फाइनेंस और इनवेस्टमेंट टिप्स पर नजर रखें। क्या आप इनमें से किसी स्टॉक पर निवेश सोच रहे हैं? कमेंट्स में बताएं!
(यह आर्टिकल मूल विश्लेषण पर आधारित है। निवेश से पहले फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें।)
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