ICICI Prudential Silver ETF FoF में नए निवेश पर रोक 2025

ICICI Prudential Silver ETF: अगर आप Silver ETF Fund of Fund (FoF) में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो एक बार रुक जाइए! ICICI Prudential Mutual Fund ने चांदी बाजार में भारी मूल्य विसंगति को देखते हुए अपनी Silver ETF FoF में नई सब्सक्रिप्शंस पर अस्थायी रोक लगा दी है। यह फैसला आज, 14 अक्टूबर 2025 से प्रभावी है। इससे पहले Kotak Mutual Fund, SBI Mutual Fund, TATA Mutual Fund और UTI Mutual Fund ने भी इसी महीने अपनी Silver ETF FoFs में नए निवेश पर रोक लगाई थी। क्या बढ़ते प्रीमियम और चांदी की कमी ने निवेशकों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है? आइए जानते हैं पूरी कहानी, कारण और निवेशकों के लिए सलाह।

चांदी बाजार में उथल-पुथल: क्या है वजह?

ICICI Prudential AMC ने यह कदम तब उठाया जब घरेलू चांदी की कीमतें वैश्विक बेंचमार्क से कहीं ऊपर चली गईं। इसका कारण भौतिक चांदी की आपूर्ति में कमी और मांग में तेज उछाल है। नतीजा यह हुआ कि Silver ETFs में भारी प्रीमियम देखने को मिला, जो नए निवेशकों के लिए जोखिम पैदा कर रहा है।

  • Lump Sum, Switch-ins और Systematic Transactions: इन सभी पर अस्थायी रोक।
  • मौजूदा SIPs और STPs: बिना किसी बदलाव के जारी रहेंगे।
  • संरक्षण का कदम: मौजूदा निवेशकों को ओवरवैल्यूएशन से बचाने के लिए यह फैसला लिया गया।

फंड हाउस के मुताबिक, चांदी की कीमतों में यह विसंगति तब हुई जब बाजार निर्माता (Market Makers) भौतिक चांदी खरीदकर ETF यूनिट्स के साथ आर्बिट्राज नहीं कर पाए। नतीजतन, ETF की कीमतें वास्तविक चांदी की कीमतों से अलग हो गईं।

चांदी की मांग और आपूर्ति का संकट

एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, चांदी का वैश्विक डिमांड- सप्लाई संतुलन बिगड़ गया है। इसके पीछे कई कारण हैं:

  • औद्योगिक उपयोग: सौर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन, सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स में चांदी की मांग बढ़ी।
  • खनन उत्पादन: वैश्विक खनन आउटपुट रुका हुआ है।
  • केंद्रीय बैंक: अब सोने के साथ चांदी भी रिजर्व में जोड़ रहे हैं।
  • त्योहारी सीजन: भारत में सितंबर में चांदी के आयात दोगुने हो गए, जिससे घरेलू प्रीमियम 8-10% तक पहुंच गया।

अक्टूबर 2025 में LBMA Silver Price (वैश्विक बेंचमार्क) $50/oz तक पहुंच गया। भारत में Import Parity Price में कस्टम ड्यूटी और GST के बाद 10-12% बढ़ोतरी हुई, लेकिन घरेलू बाजार में कीमतें इससे भी 5-10% ज्यादा हैं। यह प्रीमियम ETF NAV और FoF NAV में भी झलक रहा है, जिससे नए निवेश पर जोखिम बढ़ गया।

Silver ETF और FoF की कीमत कैसे तय होती है?

चांदी की कीमतों का असर इन चरणों से होता है:

  • LBMA Silver Price (वैश्विक): $50/oz (अक्टूबर 2025)।
  • Import Parity Price (भारत): वैश्विक कीमत को INR में बदलकर ड्यूटी जोड़ने के बाद।
  • India Physical Silver Price: त्योहारी मांग और कमी से 5-10% प्रीमियम।
  • Silver ETF NAV: भौतिक चांदी की कीमत और प्रीमियम के आधार पर।
  • Silver ETF Market Price: एक्सचेंज पर ट्रेडिंग प्राइस, जो NAV से ऊपर चला गया।
  • Silver FoF NAV: ETF NAV पर आधारित, जो प्रीमियम को अप्रत्यक्ष रूप से दर्शाता है।

FoF में निवेशक NAV देखकर पैसा लगाते हैं, लेकिन ETF की तरह सीधे प्रीमियम नहीं दिखता, जो जोखिम को छिपा सकता है।

निवेशकों के लिए क्या मायने?

  • जोखिम: आज 8-10% प्रीमियम पर चांदी खरीदना मतलब वैश्विक मूल्य से ज्यादा भुगतान। अगर आपूर्ति सामान्य होती है, तो NAV गिर सकता है।
  • फैसला: नए निवेश पर रुकें, मार्केट स्थिर होने का इंतजार करें।
  • मौजूदा निवेशक: लॉन्ग-टर्म होल्डिंग के लिए ठीक, क्योंकि चांदी के फंडामेंटल्स मजबूत हैं।

विशेषज्ञ राय

फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह रोक निवेशकों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। चांदी की मांग लंबे समय में बढ़ेगी, लेकिन शॉर्ट-टर्म में प्राइसिंग रिस्क से बचना समझदारी है।

डिस्क्लेमर: निवेश जोखिम के अधीन है। विशेषज्ञ सलाह लें। यह जानकारी विश्लेषण और मार्केट डेटा पर आधारित है।

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