सेबी (SEBI) ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए घोषणा की है कि नए साल से REITs को म्यूचुअल फंड्स में इक्विटी से संबंधित निवेश के रूप में गिना जाएगा। यह बदलाव म्यूचुअल फंड्स में REITs निवेश को आसान बनाने और रियल एस्टेट निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। सेबी की इस REITs इक्विटी क्लासिफिकेशन नीति से निवेशकों को रियल एस्टेट सेक्टर में अधिक अवसर मिलेंगे।
सेबी का सर्कुलर: क्या है मुख्य बदलाव?
सेबी ने 28 नवंबर 2025 को जारी सर्कुलर के माध्यम से स्पष्ट किया है कि 1 जनवरी 2026 से म्यूचुअल फंड्स और स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड्स (SIFs) के लिए REITs (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स) को इक्विटी से जुड़े उपकरणों के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। वहीं, InvITs (इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स) को हाइब्रिड श्रेणी में ही रखा जाएगा।
इस SEBI REITs नियम के तहत, म्यूचुअल फंड्स की इक्विटी आवंटन सीमा के अंदर REITs में निवेश को शामिल किया जा सकेगा। वर्तमान में डेट स्कीम्स में रखे गए REITs होल्डिंग्स को 31 दिसंबर 2025 तक ग्रैंडफादर्ड (पुराने नियमों के तहत सुरक्षित) माना जाएगा। हालांकि, एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को बाजार की स्थिति, लिक्विडिटी और निवेशक हित के आधार पर इन होल्डिंग्स को धीरे-धीरे बेचने की सलाह दी गई है।
म्यूचुअल फंड्स पर प्रभाव: निवेशकों के लिए फायदे
यह म्यूचुअल फंड्स REITs इक्विटी बदलाव म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। अब इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स में REITs को शामिल करना आसान हो जाएगा, जिससे फंड मैनेजर्स को रियल एस्टेट एक्सपोजर बढ़ाने का मौका मिलेगा। इसके अलावा:
- इक्विटी इंडेक्स में शामिल: 1 जुलाई 2026 तक एक ट्रांजिशन पीरियड के बाद, REITs को इक्विटी इंडेक्स में जोड़ा जाएगा। इससे पैसिव फंड्स और ETF में REITs का प्रवेश बढ़ेगा।
- स्कीम डॉक्यूमेंट्स में बदलाव: AMCs को अपनी स्कीमों के लिए एडेंडम जारी करने होंगे, लेकिन यह बदलाव फंडामेंटल अट्रिब्यूट चेंज नहीं माना जाएगा।
- AMFI की भूमिका: एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) को मार्केट कैप बेस्ड स्क्रिप क्लासिफिकेशन फ्रेमवर्क में REITs को शामिल करने का निर्देश दिया गया है।
यह कदम रियल एस्टेट मार्केट को मजबूत करने और निवेशकों को डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो उपलब्ध कराने में मददगार होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे REITs बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी और लंबे समय में रिटर्न सुधर सकता है।
REITs vs InvITs: अंतर समझें
- REITs: रियल एस्टेट संपत्तियों (जैसे कमर्शियल बिल्डिंग्स, मॉल्स) पर फोकस। अब इक्विटी कैटेगरी में।
- InvITs: इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स (रोड, पावर) पर आधारित। हाइब्रिड कैटेगरी में ही रहेंगे।
सितंबर 2025 में सेबी बोर्ड ने SEBI (म्यूचुअल फंड्स) रेगुलेशंस, 1996 में संशोधन को मंजूरी दी थी, जो इस REITs क्लासिफिकेशन चेंज का आधार बना।
निवेशकों के लिए टिप्स
अगर आप म्यूचुअल फंड्स में REITs निवेश की योजना बना रहे हैं, तो नए साल से पहले अपनी पोर्टफोलियो की समीक्षा करें। SEBI गाइडलाइंस के अनुसार, डेट फंड्स से इक्विटी ओरिएंटेड फंड्स में शिफ्ट करना फायदेमंद हो सकता है। हमेशा रिस्क प्रोफाइल और मार्केट ट्रेंड्स को ध्यान में रखें।
यह SEBI का REITs इक्विटी फैसला भारतीय पूंजी बाजार को और मजबूत बनाएगा। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक सेबी वेबसाइट चेक करें।
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