सेबी (SEBI) ने फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर अवधूत साठे और उनकी अकादमी पर बड़ा प्रहार किया है। अवधूत साठे ट्रेडिंग एकेडमी (ASTA) के संस्थापक अवधूत साठे और निदेशक गौरी साठे को सिक्योरिटीज मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया गया है। सेबी ने 546 करोड़ रुपये की राशि जब्त करने का आदेश जारी किया है, जो अनरजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजरी एक्टिविटीज से इकट्ठा की गई थी। यह कार्रवाई फिनफ्लुएंसर्स के खिलाफ सेबी की अब तक की सबसे सख्ती वाली एक्शन है, जो रिटेल इनवेस्टर्स को गुमराह करने वाले स्टॉक टिप्स और लाइव ट्रेडिंग कॉल्स पर आधारित है।
अवधूत साठे कौन हैं? फिनफ्लुएंसर की बैकग्राउंड
अवधूत साठे एक प्रमुख फिनफ्लुएंसर हैं, जो सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर स्टॉक मार्केट ट्रेनिंग के नाम पर सलाह देते थे। उनकी ASTA एकेडमी हजारों रिटेल इनवेस्टर्स को आकर्षित करती थी, जहां बेसिक से एडवांस्ड कोर्सेस ऑफर किए जाते थे। कोर्स फीस 6.75 लाख रुपये तक होती थी, लेकिन सेबी की जांच में पाया गया कि यह सिर्फ एजुकेशन नहीं, बल्कि स्पेसिफिक स्टॉक रिकमेंडेशन्स थे। व्हाट्सएप ग्रुप्स में सैकड़ों मेंबर्स को बैंक निफ्टी फ्यूचर्स जैसे ट्रेड्स पर एंट्री प्राइस, स्टॉप-लॉस और टारगेट पॉइंट्स बताए जाते थे। सेबी ने कहा, “नोटिसीज़ की एक्टिविटीज जनरल ट्रेनिंग तक सीमित नहीं थीं। वे स्पेसिफिक एडवाइस दे रहे थे, जो इनवेस्टमेंट एडवाइजर की कैटेगरी में आती है।”
साठे ने 2024 में सेबी की फॉर्मल वार्निंग के बावजूद प्राइवेट ग्रुप्स में एक्टिविटीज जारी रखीं। वे हाई-प्रॉबेबिलिटी स्ट्रैटेजीज़ का प्रचार करते थे, जिसमें सिर्फ प्रॉफिटेबल ट्रेड्स के स्क्रीनशॉट्स दिखाए जाते थे, लॉसेस छिपाए जाते थे। इससे क्लाइंट्स को गारंटीड रिटर्न्स का झांसा दिया जाता था।
सेबी की प्रमुख कार्रवाइयां: क्या-क्या प्रतिबंध लगाए गए?
सेबी ने 4 दिसंबर 2025 को जारी ऑर्डर में निम्नलिखित एक्शन्स लिए हैं:
- मार्केट एक्सेस बैन: अवधूत साठे, ASTA और गौरी साठे को सिक्योरिटीज खरीदने-बेचने, एडवाइजरी सर्विसेज चलाने या लाइव ट्रेडिंग सेशन्स आयोजित करने से रोका गया।
- राशि जब्त: 546 करोड़ रुपये को फिक्स्ड डिपॉजिट में फ्रीज कर सेबी के लियन में रखा गया। यह फिनफ्लुएंसर के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है।
- डॉक्यूमेंट्स सबमिशन: सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स, एसेट डिटेल्स, बैंक स्टेटमेंट्स, GST फाइलिंग्स और कस्टमर्स की लिस्ट जमा करने का आदेश।
- एडवाइजरी प्रतिबंध: इनवेस्टमेंट एडवाइस, रिसर्च, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट या रीयल-टाइम कॉल्स वाली ट्रेनिंग मॉड्यूल्स पर पूर्ण रोक।
बैंकों को उनके अकाउंट्स फ्रीज करने और पेमेंट्स रोकने का निर्देश दिया गया है। सेबी ने वीडियोज, व्हाट्सएप मैसेजेस, सोशल मीडिया कंटेंट और पार्टिसिपेंट्स के टेस्टिमोनियल्स का एनालिसिस किया, जो शिकायतों पर आधारित था।
स्टॉक मार्केट पर प्रभाव: फिनफ्लुएंसर्स के खिलाफ सख्ती क्यों?
यह कार्रवाई सेबी की फिनफ्लुएंसर इकोसिस्टम को साफ करने की मुहिम का हिस्सा है। अनियमित सलाह से रिटेल इनवेस्टर्स को भारी नुकसान हो सकता है, जो मार्केट की स्थिरता को खतरे में डालता है। सेबी ने चेतावनी दी, “नोटिसीज़ का कंडक्ट इनवेस्टर्स और सिक्योरिटीज मार्केट के लिए गंभीर रिस्क है। आगे नुकसान रोकने के लिए तत्काल एक्शन जरूरी था।”
फिनफ्लुएंसर्स अक्सर रजिस्टर्ड एडवाइजर्स की भूमिका निभाते हैं, लेकिन रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के बाहर। साठे जैसे इन्फ्लुएंसर्स के “फेल-प्रूफ” मेथड्स पर हजारों ट्रस्ट करते थे, लेकिन सेबी अब स्टॉक-स्पेसिफिक इंस्ट्रक्शन्स या प्राइवेट ग्रुप गाइडेंस को अनरजिस्टर्ड एडवाइजरी मान रही है। यह बेंचमार्क सेट करता है कि ट्रेनर्स को रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
निष्कर्ष: निवेशकों के लिए सलाह
SEBI ban on Avadhut Sathe जैसी घटनाएं निवेशकों को सतर्क करती हैं। हमेशा रजिस्टर्ड एडवाइजर्स से ही सलाह लें और अनियमित टिप्स से बचें। स्टॉक मार्केट में निवेश रिस्की है, इसलिए रिसर्च और सेबी-रजिस्टर्ड सोर्सेस पर भरोसा करें। यह क्रैकडाउन फाइनेंशियल लिटरेसी को बढ़ावा देगा और मार्केट को सुरक्षित बनाएगा।
ICICI Prudential AMC IPO: 1200 मिलियन डॉलर का IPO अगले हफ्ते लॉन्च, भारत का पांचवां बड़ा आईपीओ
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम वरुण सिंह है, मैं अपने खाली समय में Youtube Channel पर फाइनेंस संबंधी वीडियो अपलोड करता हूं साथ ही ब्लॉगिंग भी कर रहा हूं। हमारी कोशिश है की हम अपने पाठकों के लिए फाइनेंस सम्बंधित विषयों पर उच्च गुणवत्ता से युक्त आर्टिकल प्रकाशित करें।