₹6,000 करोड़ Mcap की छोटी कंपनी को ₹5,000 करोड़ का मेगा ऑर्डर, शेयर ने लगाई छलांग!

इंफ्रास्ट्रक्चर और माइनिंग सेक्टर में सक्रिय प्रमुख कंपनी दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड (DBL) को एक बड़ा कारनामा कर दिखाया है। कंपनी ने नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO) से पोट्टांगी बॉक्साइट माइन MDO कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया है, जिसकी कुल वैल्यू 5000 करोड़ रुपये है। यह लॉन्ग-टर्म प्रोजेक्ट कंपनी के माइनिंग बिजनेस को मजबूत आधार देगा और निवेशकों के बीच उत्साह को बढ़ाएगा। दिलीप बिल्डकॉन शेयर प्राइस में सोमवार को 5% की तेजी देखने को मिली, जो इस बड़े ऑर्डर का सीधा असर है।

NALCO MDO कॉन्ट्रैक्ट की मुख्य डिटेल्स: क्या है प्रोजेक्ट का स्कोप?

NALCO पोट्टांगी बॉक्साइट माइन प्रोजेक्ट ओडिशा के पोट्टांगी इलाके में स्थित है, जहां बॉक्साइट के विशाल भंडार हैं। DBL ने इस मेगा टेंडर में L-1 पोजिशन हासिल की है, जो माइन डेवलपमेंट एंड ऑपरेशंस (MDO) का काम संभालेगी। कॉन्ट्रैक्ट में शामिल प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं:

  • EPC वर्क: ओवरलैंड कन्वेयर कॉरिडोर (OLCC), रोड डेवलपमेंट, वॉटर इंटेक फैसिलिटी, माइनिंग और ट्रांसपोर्टेशन। अवधि: 3 साल। वैल्यू: 1750 करोड़ रुपये। अनुमानित क्वांटिटी: 70 लाख टन।
  • माइनिंग ऑपरेशंस: बैकएंड माइनिंग, जिसमें कुल 77 मिलियन टन उत्पादन होगा। अवधि: 22 साल। वैल्यू: 3250 करोड़ रुपये (वर्तमान दर 423 रुपये प्रति टन पर)।

कुल मिलाकर, यह 25 साल का लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट है, जो GST एक्सक्लूसिव है। यह एक घरेलू प्रोजेक्ट है और रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन नहीं माना जाता। कंपनी ने BSE और NSE को फाइलिंग के जरिए इसकी जानकारी दी है, जिसमें ट्रेडिंग विंडो 48 घंटों के लिए बंद करने का भी जिक्र है।

दिलीप बिल्डकॉन पर कॉन्ट्रैक्ट का प्रभाव: माइनिंग बिजनेस को मिलेगी स्थिरता

दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड, जिसकी मार्केट कैप लगभग 6000 करोड़ रुपये है, के लिए यह ऑर्डर गेम-चेंजर साबित हो सकता है। कंपनी का माइनिंग डिवीजन अब लंबे समय तक स्थिर राजस्व सुनिश्चित करेगा, जो EPC और ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर में उसकी मौजूदगी को और मजबूत बनाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकारी PSU जैसे NALCO के साथ यह साझेदारी DBL को भविष्य में और बड़े माइनिंग प्रोजेक्ट्स दिला सकती है।

कंपनी के अधिकारियों ने कहा, “यह कॉन्ट्रैक्ट हमारी माइनिंग क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और बैलेंस शीट को मजबूत करेगा।” कुल उत्पादन लक्ष्य 84 मिलियन टन का है, जो एल्युमिनियम इंडस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण सप्लाई चेन को सपोर्ट करेगा।

शेयर मार्केट रिएक्शन: दिलीप बिल्डकॉन शेयर प्राइस में 5% उछाल, FII खरीदारी बढ़ी

दिलीप बिल्डकॉन ने मार्केट में हलचल मचा दी। सोमवार को शेयर 430 रुपये के क्लोजिंग प्राइस से खुले और जल्द ही 5% ऊपर पहुंच गए। पिछले एक साल में शेयर में 3% की गिरावट आई थी, लेकिन तीन साल के नजरिए से 100% रिटर्न मिल चुका है।

FII (फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स) की होल्डिंग में भी इजाफा हुआ है – जून 2025 में 2.76% से बढ़कर सितंबर 2025 में 2.91% हो गई। यह निवेशक विश्वास का संकेत है, खासकर जब इंफ्रा सेक्टर में सरकारी खर्च बढ़ रहा है। ट्रेडर्स का कहना है कि DBL स्टॉक अब 450-460 रुपये के टारगेट की ओर बढ़ सकता है, अगर प्रोजेक्ट टाइमलाइन पर चले।

पैरामीटरविवरण
कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू5000 करोड़ रुपये (GST एक्सक्लूड)
अवधि25 साल (3 साल EPC + 22 साल माइनिंग)
उत्पादन क्वांटिटी84 मिलियन टन बॉक्साइट
शेयर प्राइस चेंज+5% (इंट्राडे)
मार्केट कैप6000 करोड़ रुपये

निष्कर्ष: DBL के लिए नया अध्याय, निवेशकों पर नजर रखें

NALCO MDO कॉन्ट्रैक्ट न केवल DBL की ग्रोथ स्टोरी को बूस्ट देगा, बल्कि माइनिंग सेक्टर में उसकी पोजिशनिंग को भी सॉलिड बनाएगा। अगर आप दिलीप बिल्डकॉन शेयर में निवेश पर विचार कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, मार्केट वोलेटाइल रहता है, इसलिए फंडामेंटल्स और टेक्निकल एनालिसिस जरूरी है।

डिस्क्लेमर: यह लेख सूचना के उद्देश्य से है। निवेश से पहले विशेषज्ञ सलाह लें।

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