ESG म्यूचुअल फंड क्या हैं: भारत में 2025 में निवेश करें या नहीं?

2025 में सस्टेनेबल इन्वेस्टिंग की लोकप्रियता बढ़ रही है। ESG म्यूचुअल फंड (Environmental, Social and Governance) उन निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बन रहे हैं जो पैसा कमाने के साथ-साथ पर्यावरण, समाज और कॉरपोरेट गवर्नेंस को बेहतर बनाना चाहते हैं। लेकिन क्या ये फंड आपके पोर्टफोलियो के लिए सही हैं? इस लेख में हम ESG फंड्स की पूरी जानकारी देंगे – क्या हैं, कैसे काम करते हैं, फायदे-नुकसान और 2025 में निवेश की सलाह।

ESG म्यूचुअल फंड क्या होते हैं?

ESG म्यूचुअल फंड वे इक्विटी फंड हैं जो कंपनियों में निवेश करते हैं जो पर्यावरण (Environmental), सामाजिक (Social) और गवर्नेंस (Governance) मानकों पर अच्छा स्कोर करती हैं।

  • Environmental (E): कार्बन उत्सर्जन कम करना, पानी का सही उपयोग, वेस्ट मैनेजमेंट आदि।
  • Social (S): कर्मचारियों का कल्याण, डाइवर्सिटी, कम्युनिटी इम्पैक्ट और प्रोडक्ट सेफ्टी।
  • Governance (G): बोर्ड स्ट्रक्चर, शेयरहोल्डर राइट्स, ट्रांसपेरेंसी और एथिकल प्रैक्टिसेस।

SEBI के नियमों के अनुसार, इन फंड्स को अपनी एसेट्स का कम से कम 80% ESG कंपनियों में निवेश करना होता है। भारत में ये फंड थीमैटिक कैटेगरी में आते हैं और ज्यादातर लार्ज-कैप या फ्लेक्सी-कैप कंपनियों पर फोकस करते हैं।

भारत में ESG फंड्स की स्थिति (2025 अपडेट)

भारत में ESG फंड्स अपेक्षाकृत नए हैं। 2025 तक लगभग 10-12 ESG स्कीम्स उपलब्ध हैं। डिस्क्लोजर सुधार हो रहे हैं, लेकिन रेटिंग्स में एकरूपता की कमी है। ग्लोबल स्तर पर ESG फ्लो थोड़े कम हुए हैं, लेकिन भारत में सस्टेनेबिलिटी पर फोकस बढ़ रहा है। SEBI ने रेटिंग्स और डिस्क्लोजर को मजबूत करने के लिए नए नियम लागू किए हैं।

कुछ पॉपुलर ESG फंड्स (2025 डेटा के आधार पर प्रदर्शन उदाहरण):

  • Quant ESG Fund
  • SBI ESG Exclusionary Strategy Fund
  • Aditya Birla Sun Life ESG Fund
  • Quantum ESG Fund

ये फंड अक्सर फाइनेंशियल सर्विसेस, टेक्नोलॉजी और कंज्यूमर सेक्टर्स में निवेश करते हैं।

ESG म्यूचुअल फंड के फायदे

  • एथिकल इन्वेस्टिंग: पर्यावरण और समाज को नुकसान पहुंचाने वाली कंपनियों से दूर रहें।
  • लॉन्ग-टर्म स्टेबिलिटी: अच्छी गवर्नेंस वाली कंपनियां कम रिस्क और बेहतर रेजिलिएंस दिखाती हैं।
  • पॉजिटिव इम्पैक्ट: आपका पैसा सस्टेनेबल डेवलपमेंट में योगदान देता है।
  • डाइवर्सिफिकेशन: पोर्टफोलियो में 5-10% अलोकेशन से वैल्यू एडिशन।
  • कुछ फंड्स ने पिछले 3-5 सालों में अच्छा रिटर्न दिया है (उदाहरण: कुछ में 20%+ CAGR)।

ESG म्यूचुअल फंड के नुकसान

  • परफॉर्मेंस वैरिएशन: कुछ मार्केट साइकल में कमोडिटी या साइक्लिकल सेक्टर्स के रैली करने पर ये फंड पीछे रह जाते हैं।
  • रेटिंग्स की असंगति: अलग-अलग एजेंसियां एक ही कंपनी को अलग स्कोर दे सकती हैं।
  • सीमित यूनिवर्स: भारत में ESG कंपनियों की संख्या कम, इसलिए डाइवर्सिफिकेशन सीमित।
  • हाई एक्सपेंस रेशियो: अतिरिक्त रिसर्च की वजह से।
  • हमेशा मार्केट को बीट नहीं करते।

2025 में ESG फंड्स में निवेश करें या नहीं?

2025 में ESG फंड्स एक अच्छा सैटेलाइट अलोकेशन हो सकते हैं, लेकिन कोर पोर्टफोलियो नहीं। अगर आप एथिकल वैल्यूज को महत्व देते हैं और लॉन्ग-टर्म (5+ साल) निवेश कर रहे हैं, तो 5-10% पोर्टफोलियो अलोकेट करें। लेकिन अगर सिर्फ हाई रिटर्न चाहिए, तो फ्लेक्सी-कैप या लार्ज-कैप डाइवर्सिफाइड फंड बेहतर।

कब निवेश करें:

  • अगर सस्टेनेबिलिटी आपके लिए महत्वपूर्ण है।
  • डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो में एड-ऑन के रूप में।
  • SIP से शुरू करें ताकि मार्केट वोलेटिलिटी कम हो।

कब बचें:

  • अगर शॉर्ट-टर्म रिटर्न या हाई ग्रोथ प्राथमिकता है।
  • अगर रिस्क लेने की क्षमता कम है।

निवेश से पहले फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें। ESG फंड्स का भविष्य उज्ज्वल है क्योंकि डिस्क्लोजर और रेगुलेशंस सुधार हो रहे हैं।

नोट: म्यूचुअल फंड निवेश मार्केट रिस्क के अधीन हैं। पिछले परफॉर्मेंस भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं।

यह लेख जानकारी के उद्देश्य से है, निवेश सलाह नहीं। 2025 में स्मार्ट इन्वेस्टिंग के लिए रिसर्च जरूरी!

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