भारत सेमीकंडक्टर मिशन: SCL मोहाली आधुनिकीकरण में निवेश और भूमि बाधा की चुनौतियां 2026

भारत सरकार के भारत सेमीकंडक्टर मिशन (India Semiconductor Mission) के तहत चिप निर्माण क्षेत्र में तेजी से प्रगति हो रही है। लेकिन SCL मोहाली (सेमीकंडक्टर लैबोरेटरी, मोहाली) के आधुनिकीकरण में निवेश और भूमि संबंधी बाधाओं ने विकास की राह में रोड़े अटका दिए हैं। यह लेख चिप मैन्युफैक्चरिंग (Chip Manufacturing) की चुनौतियों, सरकारी योजनाओं और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा करता है। यदि आप भारतीय सेमीकंडक्टर उद्योग (Indian Semiconductor Industry) में रुचि रखते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।

SCL मोहाली क्या है? एक नजर

SCL मोहाली, जो इसरो (ISRO) के तहत संचालित एक प्रमुख सेमीकंडक्टर सुविधा है, भारत का पहला चिप निर्माण केंद्र है। 1983 में स्थापित यह लैब माइक्रोचिप उत्पादन (Microchip Production) और स्पेस टेक्नोलॉजी (Space Technology) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत सेमीकंडक्टर मिशन के अंतर्गत SCL को आधुनिक बनाना एक प्रमुख लक्ष्य है, ताकि देश आत्मनिर्भर (Atmanirbhar Bharat) बने। लेकिन हाल की रिपोर्ट्स के अनुसार, भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) और निवेश वितरण (Investment Allocation) में देरी ने प्रोजेक्ट को प्रभावित किया है।

भारत सेमीकंडक्टर मिशन: मुख्य उद्देश्य और प्रगति

भारत सेमीकंडक्टर मिशन 2021 में लॉन्च किया गया था, जिसका लक्ष्य 2030 तक सेमीकंडक्टर उत्पादन (Semiconductor Production) में 10% वैश्विक हिस्सेदारी हासिल करना है। मिशन के तहत:

  • ₹76,000 करोड़ का फंड आवंटित किया गया।
  • फैब यूनिट्स (Fab Units) और ATMP सुविधाएं (Assembly, Testing, Marking, Packaging) स्थापित करने पर जोर।
  • SCL मोहाली को ₹450 करोड़ का निवेश मिला, लेकिन आधुनिकीकरण के लिए अतिरिक्त फंडिंग की आवश्यकता है।

हालांकि, चिप मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री (Chip Manufacturing Industry) में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (Global Supply Chain) की चुनौतियों के बीच भारत को तेजी से आगे बढ़ना होगा। SCL मोहाली का अपग्रेडमेंट 5nm तकनीक (5nm Technology) को सपोर्ट करने वाला होगा, जो मोबाइल, ऑटोमोटिव और डिफेंस सेक्टर के लिए क्रांतिकारी साबित हो सकता है।

आधुनिकीकरण में निवेश की स्थिति: सकारात्मक कदम

SCL मोहाली के मॉडर्नाइजेशन (Modernization) के लिए सरकार ने ₹1,500 करोड़ से अधिक का प्रस्ताव रखा है। प्रमुख बिंदु:

  • नई मशीनरी (New Machinery) और क्लीन रूम (Clean Room) सुविधाओं का विकास।
  • पार्टनरशिप (Partnerships) के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी, जैसे टाटा और अन्य कंपनियां।
  • मिशन के तहत SCL को प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (Proof of Concept) के लिए चुना गया, जो इंडियन चिप इंडस्ट्री (Indian Chip Industry) को बूस्ट देगा।

ये निवेश सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग (Semiconductor Manufacturing) को मजबूत बनाने में मदद करेंगे, लेकिन फंडिंग देरी (Funding Delays) ने प्रोजेक्ट को 6-12 महीने पीछे धकेल दिया है।

भूमि बाधा: SCL मोहाली के विकास की सबसे बड़ी चुनौती

लैंड हर्डल (Land Hurdle) SCL मोहाली के आधुनिकीकरण का सबसे बड़ा रोड़ा है। पंजाब सरकार और केंद्र के बीच भूमि आवंटन (Land Allotment) पर विवाद ने काम रुकवा दिया है। मुख्य मुद्दे:

  • 20 एकड़ अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता, जो पर्यावरण मंजूरी (Environmental Clearance) के बिना अटकी हुई।
  • स्थानीय किसानों और निवासियों का विरोध, जो रिहैबिलिटेशन (Rehabilitation) पैकेज पर सवाल उठा रहे हैं।
  • SCL की मौजूदा 50 एकड़ साइट विस्तार के लिए अपर्याप्त, जिससे प्रोडक्शन कैपेसिटी (Production Capacity) प्रभावित हो रही।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भूमि विवाद जल्द सुलझा, तो भारतीय चिप उत्पादन (Indian Chip Production) में SCL 2026 तक 20% योगदान दे सकता है।

भविष्य की योजनाएं: चुनौतियों के बावजूद उम्मीद

भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत SCL मोहाली को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (Center of Excellence) बनाने की योजना है। प्रमुख फ्यूचर प्लान्स:

  • R&D इन्वेस्टमेंट (R&D Investment) बढ़ाकर AI चिप्स (AI Chips) और IoT डिवाइसेस (IoT Devices) पर फोकस।
  • स्किल डेवलपमेंट (Skill Development) के लिए 5,000 इंजीनियर्स को ट्रेनिंग।
  • वैश्विक कंपनियों जैसे इंटेल (Intel) और TSMC (TSMC) के साथ कोलैबोरेशन।

यदि लैंड इश्यू (Land Issue) हल हो जाता है, तो SCL मेक इन इंडिया (Make in India) को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

निष्कर्ष: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम

SCL मोहाली मॉडर्नाइजेशन और इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन भारत को ग्लोबल चिप हब (Global Chip Hub) बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। निवेश बाधाएं (Investment Hurdles) और भूमि चुनौतियां (Land Challenges) के बावजूद, सरकार का दृढ़ संकल्प देश को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में मजबूत बनाएगा।

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