भारत का शेयर मार्केट पिछले 5 सालों में लगभग 4 गुना बढ़ चुका है। नवंबर 2025 तक देश में कुल डीमैट अकाउंट्स की संख्या 20 करोड़ के पार पहुँच गई है। इस जबरदस्त ग्रोथ के पीछे दो बड़े नाम हैं – NSDL और CDSL
ये दोनों ही भारत के डिपॉजिटरी हैं जो आपके शेयरों और म्यूचुअल फंड्स को इलेक्ट्रॉनिक रूप में सुरक्षित रखते हैं। लेकिन सवाल यह है कि –
NSDL और CDSL में से कौन आगे है? कौन सा डिपॉजिटरी आपके लिए बेहतर है?
आइए नवंबर 2025 के ताजा आंकड़ों के साथ इनकी सीधी टक्कर देखते हैं।
NSDL और CDSL क्या हैं? (संक्षिप्त में)
| पैरामीटर | NSDL (National Securities Depository Limited) | CDSL (Central Depository Services Limited) |
|---|---|---|
| स्थापना वर्ष | 1996 | 1999 |
| मुख्य प्रमोटर | NSE, IDBI, UTI और कुछ बड़े बैंक | BSE, SBI, HDFC Bank, Standard Chartered आदि |
| लिस्टेड है या नहीं | लिस्टेड (जुलाई 2025 IPO) | लिस्टेड (BSE और NSE पर) |
| मार्केट कैप (नवंबर 2025) | लगभग ₹22,730 करोड़ | लगभग ₹33,653 करोड़ |
नवंबर 2025 तक लेटेस्ट डेटा: NSDL vs CDSL
| मेट्रिक्स | NSDL | CDSL | कौन जीता? |
|---|---|---|---|
| कुल डीमैट अकाउंट्स (करोड़ में) | 4.04 करोड़ | 15.86 करोड़ | CDSL |
| कुल डीमैट अकाउंट्स में मार्केट शेयर | ~20.2% | ~79.8% | CDSL |
| पिछले 1 साल में अकाउंट ग्रोथ | +3.68 मिलियन (FY25) | +37.38 मिलियन (FY25) | CDSL |
| कुल सिक्योरिटीज की वैल्यू (लाख करोड़) | ₹521 लाख करोड़ | ₹79 लाख करोड़ | NSDL |
| डीपी (Depository Participants) की संख्या | 302 | 580+ | CDSL |
| औसत ट्रांजेक्शन चार्ज | ₹5.00 प्रति डेबिट | ₹3.50 प्रति डेबिट | CDSL (सस्ता) |
स्रोत: NSDL & CDSL की आधिकारिक वेबसाइट और फाइनेंशियल रिपोर्ट्स (नवंबर 2025 तक)
क्यों CDSL ने NSDL से इतनी बड़ी बढ़त ली?
- आक्रामक मार्केटिंग और कम चार्जेस CDSL ने “Basic Services Demat Account” (BSDA) और जीरो AMC वाले प्लान्स को बहुत तेजी से प्रमोट किया। ज्यादातर नए रिटेल इन्वेस्टर्स (खासकर Zerodha, Groww, Angel One जैसे ब्रोकर्स के कस्टमर्स) CDSL में ही अकाउंट खोलते हैं। ट्रांजेक्शन चार्जेस भी कम होने से रिटेल यूजर्स को फायदा।
- BSE का सपोर्ट BSE में ट्रेड होने वाले ज्यादातर स्टॉक्स CDSL में डिफॉल्ट रहते हैं। चूंकि रिटेल इन्वेस्टर्स अब SME IPO और छोटे-मझोले स्टॉक्स में भी निवेश कर रहे हैं, CDSL को फायदा मिल रहा है। FY25 में CDSL ने 88% नए अकाउंट्स ऐड किए।
- NSE का फोकस इंस्टीट्यूशनल बिजनेस पर NSDL को NSE का पूरा बैकअप मिलता है, इसलिए FII, DII और बड़े इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स NSDL को प्राथमिकता देते हैं। यही वजह है कि NSDL के पास वैल्यू के हिसाब से ज्यादा एसेट्स हैं (87% मार्केट शेयर), लेकिन अकाउंट्स की संख्या में पीछे है।
आपके लिए कौन सा बेहतर है – NSDL या CDSL?
| स्थिति | बेहतर विकल्प | कारण |
|---|---|---|
| आप नया रिटेल इन्वेस्टर हैं | CDSL | कम चार्जेस, ज्यादातर डिस्काउंट ब्रोकर्स CDSL देते हैं |
| आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर हैं, ज्यादा वैल्यू | NSDL | इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटी और स्थिरता |
| आप SME IPO और BSE स्टॉक्स में ट्रेड करते हैं | CDSL | डिफॉल्ट डिपॉजिटरी CDSL ही रहता है |
| आप दोनों में ट्रेड करते हैं | कोई फर्क नहीं | आप एक ही ब्रोकर में NSDL + CDSL दोनों अकाउंट फ्री में खोल सकते हैं |
निष्कर्ष: 2025 में कौन है नंबर 1?
- अकाउंट्स की संख्या और रिटेल रीच → CDSL साफ-साफ नंबर 1 है (80%+ मार्केट शेयर)
- वैल्यू ऑफ होल्डिंग्स और इंस्टीट्यूशनल ट्रस्ट → NSDL अभी भी आगे है
तो कुल मिलाकर – रिटेल इन्वेस्टर की दुनिया में CDSL राज कर रहा है, जबकि इंस्टीट्यूशनल और हाई नेटवर्थ इन्वेस्टर्स अभी भी NSDL को पसंद करते हैं।
भविष्य में अगर CDSL अपनी वैल्यू ग्रोथ को और तेज कर लेता है, तो वह पूरी तरह से NSDL को पीछे छोड़ सकता है। अभी के लिए कह सकते हैं –
“CDSL ने बाजी मार ली है, लेकिन NSDL अभी भी गेम में है!”
आपका डीमैट अकाउंट किस डिपॉजिटरी में है – NSDL या CDSL? कमेंट में जरूर बताएं!
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डिस्क्लेमर: यह लेख मूल विश्लेषण और सार्वजनिक डेटा पर आधारित है। निवेश से पहले खुद की रिसर्च करें या विशेषज्ञ सलाह लें।
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