नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में निवेशकों की दिलचस्पी कम होती नजर आ रही है। 2025 में अब तक कंपनी का स्टॉक करीब 12% लुढ़क चुका है, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) और घरेलू म्यूचुअल फंड्स ने जून तिमाही के मुकाबले अपनी हिस्सेदारी घटा दी है। आइए, Suzlon Energy Share Price 2025 की इस गिरावट के पीछे के कारणों और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से नजर डालें।
FII और म्यूचुअल फंड्स ने क्यों घटाई सुजलॉन एनर्जी में हिस्सेदारी?
शेयर बाजार के ताजा आंकड़ों के अनुसार, FII Suzlon Energy Stake में कमी दर्ज की गई है। जून तिमाही में FIIs की हिस्सेदारी 23.02% थी, जो अब घटकर 22.70% रह गई है। यानी, मात्र 0.32 प्रतिशत अंकों की कमी ने बाजार में हलचल मचा दी है। इसी तरह, म्यूचुअल फंड्स ने भी अपनी पोजीशन कम की है – जून में 5.24% से घटकर अब 4.91% हो गई, जो 0.33% की गिरावट दर्शाती है।
खास बात यह है कि FIIs की हिस्सेदारी प्रमोटर्स (11.74%) से कहीं ज्यादा है, जो कंपनी की वैश्विक अपील को दर्शाती है। लेकिन इनकी बिकवाली से Suzlon Energy Stock Down 2025 का ट्रेंड मजबूत हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक बाजार की अनिश्चितताओं और तकनीकी कमजोरी के कारण यह कदम उठाया गया।
2025 में सुजलॉन एनर्जी शेयर प्राइस की 12% गिरावट: क्या है वजह?
साल की शुरुआत में Suzlon Energy Share Price 62 रुपये पर था, लेकिन नवंबर 2025 तक यह 55 रुपये के आसपास लुढ़क गया। यानी, पूरे साल में 12% की गिरावट। यह गिरावट मुख्य रूप से तकनीकी संकेतकों पर आधारित है:
- स्टॉक सभी आठ प्रमुख साधारण मूविंग एवरेज (SMA) से नीचे ट्रेड कर रहा है, जो मंदी का मजबूत संकेत है।
- 14-दिवसीय RSI (रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स) 45.1 पर है, जो न्यूट्रल जोन में है – न तो ओवरबॉट, न ही ओवरसोल्ड।
हालांकि, कंपनी के फंडामेंटल्स मजबूत बने हुए हैं। हालिया तिमाही में राजस्व 84% सालाना बढ़कर 3,870 करोड़ रुपये हो गया, जबकि शुद्ध लाभ 538% उछलकर 1,280 करोड़ रुपये पर पहुंचा। ऑपरेटिंग मार्जिन चार तिमाहियों से 10% से ऊपर बने हुए हैं। भारत के बढ़ते क्लीन एनर्जी सेक्टर में सुजलॉन की पोजीशन मजबूत है, लेकिन संस्थागत निवेशकों की बिकवाली ने शेयर को दबाव में डाल दिया।
तुलनात्मक विश्लेषण: पिछली तिमाहियों से कैसे अलग?
| पैरामीटर | जून तिमाही (2025) | वर्तमान स्थिति | बदलाव (%) |
|---|---|---|---|
| FII हिस्सेदारी | 23.02% | 22.70% | -0.32 |
| म्यूचुअल फंड हिस्सेदारी | 5.24% | 4.91% | -0.33 |
| प्रमोटर हिस्सेदारी | – | 11.74% | स्थिर |
| शेयर प्राइस (रुपये) | 62 (जनवरी) | 55 | -12 |
यह तालिका साफ दिखाती है कि संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी में मामूली कमी ने भी Suzlon Energy Share Price Decline को गति दी। सालाना आधार पर कंपनी की ग्रोथ इम्प्रेसिव है, लेकिन शॉर्ट-टर्म वीकनेस हावी है।
भविष्य की संभावनाएं: क्या सुजलॉन एनर्जी रिकवर करेगी?
बावजूद गिरावट के, एनालिस्ट्स का कंसेंसस स्ट्रॉन्ग बाय है। 10 एनालिस्ट्स में से ज्यादातर का यही मत है। Trendlyne Forecaster के अनुसार, मौजूदा मार्केट प्राइस से 34.8% की अपसाइड पोटेंशियल है। कंपनी का टर्नअराउंड मोमेंटम जारी है, खासकर भारत के रिन्यूएबल एनर्जी लैंडस्केप में। लेकिन निकट भविष्य में FII Mutual Funds Stake Reduction का असर दिखता रहेगा। निवेशकों को सलाह है कि लॉन्ग-टर्म व्यू रखें और मार्केट ट्रेंड्स पर नजर बनाए रखें।
अस्वीकरण: यह लेख सूचना उद्देश्य से है, निवेश सलाह नहीं। शेयर बाजार में जोखिम है।
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