सुजलॉन एनर्जी शेयर मूल्य में 4% की गिरावट: कंपनी तीन AI-संचालित ब्लेड फैक्ट्रियों की योजना बना रही है, रिपोर्ट में खुलासा

नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में गुरुवार को भारी गिरावट दर्ज की गई। स्टॉक मार्केट में सुजलॉन एनर्जी शेयर प्राइस में करीब 4% की कमी देखी गई, जबकि ट्रेडिंग वॉल्यूम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, इस गिरावट के बीच कंपनी ने अपनी विस्तार योजनाओं का ऐलान किया है। रिपोर्ट के अनुसार, सुजलॉन 3 नई AI पावर्ड विंड टरबाइन ब्लेड फैक्ट्रियां स्थापित करने की तैयारी कर रही है, जो भारत में हवा ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएंगी।

शेयर मूल्य में गिरावट के पीछे क्या कारण?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर सुजलॉन एनर्जी शेयर 3.78% लुढ़ककर 50.60 रुपये के निचले स्तर पर ट्रेड कर रहा था। इस दौरान 6.22 करोड़ से अधिक शेयरों का कारोबार हुआ, जो एक्सचेंज पर 7 वें सबसे बड़े वॉल्यूम के रूप में दर्ज किया गया। कंपनी ने किसी विशेष एक्सचेंज फाइलिंग का जिक्र नहीं किया, लेकिन बताया कि उसके प्रतिनिधि 4 और 5 दिसंबर को एनालिस्ट मीटिंग्स में हिस्सा ले रहे हैं। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, क्योंकि कंपनी की फंडामेंटल्स मजबूत बनी हुई हैं।

AI-संचालित ब्लेड फैक्ट्रियों की नई योजना

कंपनी के सह-संस्थापक गिरीश तांती ने कंपनी के 30 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इस पहल का खुलासा किया। सुजलॉन एनर्जी गुजरात और कर्नाटक (दो यूनिट्स) में ये नई फैक्ट्रियां स्थापित करेगी, जबकि तीसरी लोकेशन पर विचार चल रहा है। वर्तमान में कंपनी के पास जयसलमेर, भुज, रतलाम, धुले और अनंतपुर में पांच ब्लेड फैक्ट्रियां हैं। इन नई इकाइयों के साथ कुल प्लांट्स की संख्या 18 हो जाएगी, जो भारत का सबसे बड़ा स्मार्ट विंड मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क बनेगा।

यह विस्तार विंड एनर्जी ऑर्डर बुक को तेजी से पूरा करने और घरेलू हवा ऊर्जा मांग को संबोधित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। AI तकनीक के उपयोग से मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया अधिक कुशल और तेज होगी, जिससे कंपनी की उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और ब्रोकरेज रिपोर्ट्स

सुजलॉन एनर्जी न्यूज के अनुसार, कंपनी का ऑर्डर बुक पिछले महीने 6.2 गीगावाट (GW) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। FY26 की पहली छमाही (H1) में विंड टरबाइन डिलीवरी दोगुनी हो गई, राजस्व और EBITDA में मजबूत वृद्धि दर्ज हुई, जबकि बॉटमलाइन में भारी इजाफा हुआ। Q2FY26 में 565 मेगावाट (MW) की डिलीवरी हुई, और कुल 1,865 MW पर एक्जीक्यूशन चल रहा है। कंपनी ने FY26 के लिए 60% सालाना वृद्धि का मार्गदर्शन दिया है।

भूमि विकास के मामले में 7 GW पर काम चल रहा है, जबकि EBITDA मार्जिन 17-19% रहने की उम्मीद है। ICICI सिक्योरिटीज ने H1FY26 के मजबूत रिजल्ट्स, PSU ऑर्डर्स में प्रवेश, घरेलू सप्लाई चेन के फायदे और लोकल सोर्सिंग मैंडेट्स पर सकारात्मक टिप्पणी की है। कंपनी EPC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) योगदान को 20% से बढ़ाने का लक्ष्य रख रही है।

अन्य ब्रोकरेज Anand Rathi ने ‘बाय’ रेटिंग बरकरार रखी और 82 रुपये का टारगेट प्राइस दिया। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के विंड एनर्जी सेक्टर में तेजी, नीतिगत समर्थन और कम एक्जीक्यूशन रिस्क के कारण कंपनी अच्छी स्थिति में है।

भविष्य की संभावनाएं: नवीकरणीय ऊर्जा में सुजलॉन का दबदबा

सुजलॉन एनर्जी स्टॉक प्राइस की इस गिरावट के बावजूद, विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी का फोकस लॉन्ग-टर्म ग्रोथ पर है। तीन नई AI-संचालित फैक्ट्रियां न केवल उत्पादन बढ़ाएंगी, बल्कि भारत की स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को गति देंगी। वर्किंग कैपिटल मैनेजमेंट और साइट कंट्रोल से मार्जिन विजिबिलिटी मजबूत होगी। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि शॉर्ट-टर्म वोलेटिलिटी पर ध्यान न देकर कंपनी की मजबूत ऑर्डर बुक और विस्तार योजनाओं पर फोकस करें।

यह लेख मूल स्रोतों पर आधारित है और किसी भी निवेश सलाह का हिस्सा नहीं है। निवेश से पहले विशेषज्ञ से परामर्श लें।

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