टाटा पावर का महत्वाकांक्षी प्लान: FY30 तक EBITDA दोगुना कर 30,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य, क्षमता विस्तार में जोर

टाटा पावर, भारत की प्रमुख ऊर्जा कंपनियों में से एक, ने अपने लंबी अवधि के विकास लक्ष्यों को दोहराया है। कंपनी ने हाल ही में एनालिस्ट मीट में अपनी आक्रामक विस्तार योजनाओं का खुलासा किया, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर पर विशेष फोकस है। टाटा पावर का लक्ष्य FY30 तक EBITDA को दोगुना करके 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाना है, साथ ही कुल उत्पादन क्षमता को 30 गीगावाट (GW) तक बढ़ाना है।

वर्तमान स्थिति और प्रमुख लक्ष्य

वर्तमान में टाटा पावर की ऑपरेशनल क्षमता लगभग 16 GW है, जिसमें से 7.1 GW नवीकरणीय ऊर्जा से आ रही है। कंपनी ने FY30 तक कुल क्षमता को 30 GW तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें 20 GW नवीकरणीय स्रोतों से होगा। यह विस्तार मुख्य रूप से कैप्टिव जनरेशन प्रोजेक्ट्स, हाइड्रो और पंप्ड स्टोरेज के माध्यम से होगा।

  • नवीकरणीय ऊर्जा फोकस: रूफटॉप सोलर सेगमेंट में राजस्व FY25-30 के दौरान 38% CAGR से बढ़ने की उम्मीद।
  • कैप्टिव क्षमता: FY27 से 2-2.5 GW जोड़ने का प्लान।
  • कुल कैपेक्स: FY26 से FY30 तक 1.25 लाख करोड़ रुपये का निवेश, जिसमें 65% क्लीन एनर्जी पर खर्च होगा। लगभग 25,000 करोड़ रुपये का कैपेक्स।

वित्तीय लक्ष्य FY30 तक

टाटा पावर ने स्पष्ट वित्तीय लक्ष्य निर्धारित किए हैं:

  • राजस्व: 1 लाख करोड़ रुपये
  • EBITDA: 30,000 करोड़ रुपये (वर्तमान से दोगुना)
  • PAT (प्रॉफिट आफ्टर टैक्स): 10,000 करोड़ रुपये

ये लक्ष्य कंपनी की मजबूत ग्रोथ स्ट्रैटजी को दर्शाते हैं, जिसमें थर्मल प्लांट्स के साथ-साथ ग्रीन एनर्जी पर जोर है।

ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में विस्तार

  • ट्रांसमिशन: वर्तमान में 7,000+ सर्किट किलोमीटर से बढ़ाकर FY30 तक 10,000 सर्किट किलोमीटर तक ले जाना। कंपनी HVDC सेगमेंट में महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनने की योजना बना रही है।
  • डिस्ट्रीब्यूशन: उपभोक्ता आधार वर्तमान 1.28 करोड़ से बढ़ाकर 4 करोड़ तक पहुंचाना। भुगतान अनुशासन में सुधार पर फोकस।

मैन्युफैक्चरिंग और अन्य प्रोजेक्ट्स

टाटा पावर सोलर मैन्युफैक्चरिंग में भी मजबूत कदम उठा रही है:

  • 4 GW सोलर सेल और मॉड्यूल प्लांट स्थिर हो चुका है।
  • 10 GW इंगोट और वेफर फैसिलिटी के लिए लोकेशन की तलाश, निवेश लगभग 6,500 करोड़ रुपये
  • प्रमुख हाइड्रो/पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स: भिवपुरी (1,000 MW, 2028), शिरवटा (1,800 MW, 2029), खोरलोचु (600 MW, 2029) आदि।

कंपनी के मुंद्रा प्लांट के लिए नया स्पेशल पावर परचेज एग्रीमेंट (SPPA) जल्द फाइनल होने की उम्मीद है, जिससे जनवरी 2026 से पावर शेड्यूलिंग शुरू हो सकेगी।

निष्कर्ष

टाटा पावर की यह आक्रामक रणनीति भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों के अनुरूप है और कंपनी को ऊर्जा सेक्टर में लीडिंग पोजीशन दिलाएगी। निवेशकों के लिए यह लंबी अवधि की ग्रोथ स्टोरी मजबूत दिख रही है। टाटा पावर शेयर और स्टॉक मार्केट में इस घोषणा के बाद सकारात्मक रुझान देखने को मिल सकता है।

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