म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन चुके हैं। भारत में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है, और एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) फंड की साइज और निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है। नवंबर 2025 के आंकड़ों के अनुसार, पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड और एचडीएफसी बैलेंस्ड एडवांटेज फंड जैसे फंड्स ने 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का AUM हासिल किया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या बड़ा AUM हमेशा फंड की लोकप्रियता या बेहतरी का संकेत है?
इस लेख में हम नवंबर 2025 के टॉप 10 म्यूचुअल फंड्स की लिस्ट देखेंगे, साथ ही बड़ा AUM होने के फायदे और नुकसान पर चर्चा करेंगे। यह जानकारी निवेश निर्णय लेने में मदद करेगी।
नवंबर 2025 में AUM के आधार पर टॉप 10 म्यूचुअल फंड्स
यहां ACE MF के डेटा के आधार पर टॉप 10 फंड्स की सूची दी गई है (AUM रुपये करोड़ में):
- पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड – 1.29 लाख करोड़ (फ्लेक्सी कैप कैटेगरी का सबसे बड़ा एक्टिव फंड)
- एचडीएफसी बैलेंस्ड एडवांटेज फंड – 1.07 लाख करोड़ (बैलेंस्ड एडवांटेज कैटेगरी)
- एचडीएफसी फ्लेक्सी कैप फंड – 94,068 करोड़
- एचडीएफसी मिड कैप फंड – 92,168 करोड़
- एसबीआई इक्विटी हाइब्रिड फंड – 82,958 करोड़ (एग्रेसिव हाइब्रिड)
- आईसीआईसीआई प्रू लार्ज कैप फंड – 78,159 करोड़ (सबसे बड़ा लार्ज कैप फंड)
- कोटक आर्बिट्रेज फंड – 72,773 करोड़
- आईसीआईसीआई प्रू बैलेंस्ड एडवांटेज फंड – 69,867 करोड़
- निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप फंड – 68,571 करोड़ (सबसे बड़ा स्मॉल कैप फंड)
- कोटक मिडकैप फंड – 60,479 करोड़
ये आंकड़े दिखाते हैं कि निवेशक फ्लेक्सी कैप, बैलेंस्ड एडवांटेज और हाइब्रिड फंड्स में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं।
क्या बड़ा AUM मतलब लोकप्रिय और अच्छा फंड?
बड़ा AUM निवेशकों के विश्वास को दिखाता है, क्योंकि ज्यादा लोग फंड में पैसा लगा रहे हैं। इससे फंड को बेहतर लिक्विडिटी मिलती है, यानी बड़े रिडेम्पशन भी आसानी से हैंडल किए जा सकते हैं। बड़े फंड्स में आमतौर पर मजबूत रिसर्च टीम और कम एक्सपेंस रेशियो होता है।
हालांकि, बड़ा AUM हमेशा बेहतर रिटर्न की गारंटी नहीं देता। इसके कुछ नुकसान भी हैं:
- फायदे:
- निवेशकों का ज्यादा विश्वास और स्थिरता।
- बेहतर लिक्विडिटी और कम प्रभाव बाजार पर।
- बड़े फंड हाउस की मजबूत मैनेजमेंट।
- नुकसान:
- बहुत बड़ा AUM होने पर फंड मैनेजर को अच्छे अवसरों में निवेश करना मुश्किल हो जाता है, खासकर स्मॉल या मिड कैप स्टॉक्स में।
- मार्केट में उतार-चढ़ाव के समय बड़े ट्रेड्स से कीमतों पर असर पड़ सकता है।
- छोटे फंड्स की तुलना में फ्लेक्सिबिलिटी कम हो सकती है।
अंत में, AUM एक महत्वपूर्ण इंडिकेटर है, लेकिन फंड चुनते समय पिछले रिटर्न, फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड, एक्सपेंस रेशियो और अपनी रिस्क प्रोफाइल को प्राथमिकता दें।
निवेश टिप्स: म्यूचुअल फंड में सफलता के लिए
- लंबी अवधि (5-10 साल) के लिए निवेश करें।
- SIP के जरिए नियमित निवेश करें।
- डाइवर्सिफिकेशन बनाए रखें।
- मार्केट टाइमिंग से बचें।
डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड निवेश मार्केट रिस्क के अधीन हैं। निवेश से पहले स्कीम डॉक्यूमेंट ध्यान से पढ़ें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है, निवेश सलाह नहीं।
यह जानकारी नवंबर 2025 के आंकड़ों पर आधारित है। लेटेस्ट अपडेट के लिए AMFI या फंड हाउस की वेबसाइट चेक करें।
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