Zerodha ने सिर्फ 30 इंजीनियर्स के साथ 1 अरब डॉलर से अधिक राजस्व और 500 मिलियन डॉलर मुनाफा कमाया

Zerodha की सफलता की कहानी: सिर्फ 30 इंजीनियर्स और बिना फुल-टाइम प्रोडक्ट मैनेजर के 16 मिलियन ग्राहकों को हैंडल करते हुए 1 अरब डॉलर राजस्व। दिलीप कुमार की टिप्पणी से जानें इंजीनियरिंग एफिशिएंसी का महत्व। Zerodha revenue 2025, Zerodha profits, Zerodha team size

Zerodha, भारत की अग्रणी ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकिंग फर्म, अपनी लीन टीम और उच्च दक्षता के लिए हमेशा से चर्चा में रही है। हाल ही में, रेनमैटर (Zerodha का वेंचर फंड) के हेल्थ इन्वेस्टमेंट्स लीड दिलीप कुमार ने एक चौंकाने वाले खुलासे में कहा कि Zerodha ने सिर्फ 30 इंजीनियर्स के साथ 1 अरब डॉलर से अधिक राजस्व और 500 मिलियन डॉलर से अधिक मुनाफा कमाया है। यह दावा 21 नवंबर 2025 को X (पूर्व ट्विटर) पर किया गया, जो स्टार्टअप जगत में तहलका मचा रहा है।

इस लेख में हम Zerodha की इस अद्भुत सफलता की गहराई से पड़ताल करेंगे, दिलीप कुमार के बयान को समझेंगे, और जानेंगे कि कैसे इंजीनियरिंग एफिशिएंसी एक प्रतिस्पर्धी लाभ (मोट) बन सकती है। अगर आप Zerodha revenue 2025, Zerodha profits, या Zerodha team size के बारे में जानना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है।

Zerodha की सफलता: 16 मिलियन ग्राहक, न्यूनतम टीम

Zerodha ने 2010 में अपनी यात्रा शुरू की थी और आज यह भारत की सबसे बड़ी डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्म में से एक है। दिलीप कुमार के अनुसार, कंपनी के पास कोई फुल-टाइम प्रोडक्ट मैनेजर (PM) नहीं है, फिर भी 16 मिलियन ग्राहकों को सर्विस देना आसान हो गया है। कुमार ने X पर लिखा:

“इस बीच Zerodha ने 1 अरब डॉलर से अधिक राजस्व और 500 मिलियन डॉलर से अधिक मुनाफा कमाया, बिना किसी फुल-टाइम PM के और सिर्फ ~30 इंजीनियर्स के साथ 16 मिलियन ग्राहकों को मैनेज किया।”

यह आंकड़े Zerodha की कम लागत, उच्च स्केलेबिलिटी वाली मॉडल को दर्शाते हैं। FY24 में Zerodha का राजस्व 8,300 करोड़ रुपये (लगभग 1 बिलियन डॉलर) के आस-पास था, और मुनाफा 4,000 करोड़ रुपये (500 मिलियन डॉलर) से ऊपर। 2025 तक यह आंकड़े और मजबूत हुए हैं, जो कंपनी की मजबूत फंडामेंटल्स को दिखाते हैं।

कुमार ने आगे जोड़ा:

“इंजीनियरिंग एफिशिएंसी एक फीचर नहीं, बल्कि एक मोट (प्रतिस्पर्धी लाभ) है।”

यह बयान Cursor नामक AI प्लेटफॉर्म के बारे में एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया में आया, जहां कहा गया था कि Cursor ने $29 बिलियन तक स्केल किया बिना फुल-टाइम PM के, Zerodha का उदाहरण देकर कुमार ने साबित किया कि सही टीम और दर्शन के साथ कम संसाधनों में भी बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है।

दिलीप कुमार कौन हैं? रेनमैटर के निवेश लीड

दिलीप कुमार रेनमैटर में हेल्थ इन्वेस्टमेंट्स के प्रमुख हैं, जो Zerodha के सह-संस्थापक निखिल कामथ द्वारा स्थापित वेंचर फंड है। एक एंड्योरेंस एथलीट होने के नाते, कुमार स्टार्टअप इकोसिस्टम में अपनी गहरी अंतर्दृष्टि के लिए जाने जाते हैं। उनका यह बयान Zerodha की आंतरिक संस्कृति को उजागर करता है, जहां फोकस क्वालिटी इंजीनियरिंग पर है, न कि बड़ी टीम पर।

Zerodha के CTO कैलाश नाध ने 2024 में मनीकंट्रोल को बताया था कि पिछले चार वर्षों में टेक टीम में सिर्फ पांच लोग ही हायर किए गए हैं। उन्होंने कहा:

“यह एक ऐसी टीम है जो एक-दूसरे के साथ घूमती-फिरती है, सही दर्शन साझा करती है, और अच्छी तरह से ताल मेल करती है।”

यह Zerodha team size की लीन स्ट्रक्चर को रेखांकित करता है, जो अन्य स्टार्टअप्स के लिए प्रेरणा स्रोत है।

नेटिजन्स की प्रतिक्रियाएं: प्रशंसा और बहस

दिलीप कुमार के पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दीं। एक यूजर ने लिखा:

“Zerodha ने फ्लैशी फीचर्स या 500 लोगों की टेक टीम से नहीं जीता – उन्होंने टाइट, लीन और बोरिंगली रिलायबल इंजीनियरिंग से जीता। कोई फुल-टाइम PM नहीं, ~30 इंजीनियर्स, और फिर भी 16 मिलियन ग्राहक बिना पसीना बहाए हैंडल। यह किस्मत नहीं, आर्किटेक्चर है।”

दूसरे ने सहमति जताई लेकिन बहस छेड़ी:

“सामान्य बिंदु से सहमत हूं, लेकिन लेवल 2 और ऊपर के व्यवहारों को सोचने और बिल्ड करने के लिए PM की जरूरत पड़ती है। कुछ प्रोडक्ट्स और मार्केट्स में यह विचार और ऑर्केस्ट्रेशन जरूरी है।”

एक स्केप्टिकल यूजर ने कहा:

“कृपया इसका ऑर्ग चार्ट शेयर करके साबित करें।”

ये रिएक्शन्स Zerodha की सफलता को लेकर उत्साह और जिज्ञासा दिखाते हैं।

Zerodha के लिए सबक: लीन टीम का महत्व

Zerodha की कहानी स्टार्टअप फाउंडर्स के लिए एक बड़ा लेसन है। कम इंजीनियर्स (Zerodha team size ~30) के साथ उच्च राजस्व (Zerodha revenue 2025: 1B+ USD) और मुनाफा (Zerodha profits: 500M+ USD) हासिल करना संभव है, अगर फोकस सही हो। कंपनी ने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Kite और Coin जैसे प्रोडक्ट्स को सरल रखा, जो यूजर्स के लिए आसान और रिलायबल हैं।

अगर आप स्टार्टअप में हैं, तो Zerodha से सीखें:

  • लीन हायरिंग: क्वालिटी ओवर क्वांटिटी।
  • कल्चर फोकस: टीम मेंबर्स जो एक-दूसरे से मैच करें।
  • एफिशिएंसी प्राथमिकता: फीचर्स से ज्यादा रिलायबिलिटी।

निष्कर्ष: Zerodha – इंजीनियरिंग का सच्चा मोट

दिलीप कुमार का बयान Zerodha की ताकत को एक बार फिर साबित करता है। सिर्फ 30 इंजीनियर्स के साथ 1 अरब डॉलर राजस्व और 500 मिलियन डॉलर मुनाफा – यह कोई संयोग नहीं, बल्कि स्ट्रैटेजिक चॉइस है।

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