भारतीय शेयर बाजार में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने इक्विटी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग के लिए प्री-ओपन सेशन की शुरुआत की घोषणा की है। यह सुविधा सोमवार, 8 दिसंबर 2025 से लागू हो जाएगी। कैश मार्केट में पहले से उपलब्ध इस सिस्टम को अब डेरिवेटिव्स सेगमेंट में भी जोड़ा जा रहा है, ताकि ट्रेडर्स को शुरुआती कीमतों का बेहतर आकलन करने का मौका मिले। अगर आप F&O ट्रेडिंग टाइमिंग या प्री-ओपन सेशन के फायदे जानना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि यह बदलाव कैसे काम करेगा और इससे बाजार को क्या लाभ होंगे।
F&O ट्रेडिंग में प्री-ओपन सेशन क्या है?
F&O मार्केट में प्री-ओपन सेशन एक 15 मिनट का विंडो होगा, जो कैश सेगमेंट की तरह ही कॉल ऑक्शन फॉर्मेट पर आधारित होगा। इसका मुख्य उद्देश्य प्राइस डिस्कवरी को मजबूत करना और डेरिवेटिव्स मार्केट में स्थिरता लाना है। इससे ट्रेडर्स इंडेक्स और स्टॉक फ्यूचर्स की शुरुआती कीमतों का सही अनुमान लगा सकेंगे, जिससे रेगुलर सेशन में बेहतर प्लानिंग हो सकेगी।
NSE के अनुसार, यह बदलाव ट्रेडर्स को बाजार खुलने से पहले ऑर्डर प्लेस करने और मैच करने का अवसर देगा। हालांकि, यह सुविधा केवल मौजूदा एक्सपायरी वाले स्टॉक्स और इंडेक्स फ्यूचर्स के लिए उपलब्ध होगी। नेक्स्ट सीरीज के लिए प्री-ओपन सेशन एक्सपायरी से पांच दिन पहले शुरू होगा। ध्यान दें, ऑप्शंस और स्प्रेड कॉन्ट्रैक्ट्स इस सेशन में शामिल नहीं होंगे।
F&O प्री-ओपन सेशन की टाइमलाइन: स्टेप बाय स्टेप गाइड
F&O ट्रेडिंग की नई टाइमिंग को समझने के लिए यहां पूरी शेड्यूल दी गई है। यह कैश मार्केट से मिलती-जुलती है, लेकिन डेरिवेटिव्स के लिए खासतौर पर डिजाइन की गई है:
- 9:00 AM से 9:08 AM: इस दौरान ट्रेडर्स ऑर्डर एंट्री, मॉडिफिकेशन और कैंसिलेशन कर सकेंगे। आप अपनी बिड और ऑफर प्राइस सेट कर सकते हैं।
- 9:07 AM से 9:08 AM: रैंडम क्लोजर – ऑर्डर एंट्री का अंत रैंडम टाइम पर होगा, ताकि किसी तरह का मैनिपुलेशन न हो।
- 9:08 AM से 9:12 AM: ऑर्डर मैचिंग और ट्रेड कन्फर्मेशन का समय। यहां सिस्टम सभी ऑर्डर्स को मैच करके इक्विलिब्रियम प्राइस तय करेगा।
- 9:12 AM से 9:15 AM: बफर पीरियड – कोई नया ट्रेड नहीं होगा, लेकिन मैच हुए ट्रेड्स को फाइनल किया जाएगा।
- 9:15 AM: रेगुलर ट्रेडिंग सेशन की शुरुआत।
यह F&O ट्रेडिंग शेड्यूल बाजार की दक्षता बढ़ाएगा और शुरुआती उतार-चढ़ाव को कम करेगा। अ
प्री-ओपन सेशन के फायदे: ट्रेडर्स के लिए क्यों है खास?
यह नया सिस्टम F&O मार्केट को और मजबूत बनाने में मदद करेगा। कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
- बेहतर प्राइस डिस्कवरी: ट्रेडर्स को ओपनिंग प्राइस का सटीक आइडिया मिलेगा, जिससे गैप-अप या गैप-डाउन की स्थिति में बेहतर फैसले लिए जा सकेंगे।
- मार्केट स्टेबिलिटी: कॉल ऑक्शन से प्राइस में अस्थिरता कम होगी, खासकर हाई वॉल्यूम वाले इंडेक्स फ्यूचर्स में।
- ट्रेडर्स की तैयारी: सुबह के 15 मिनट ट्रेडर्स को रणनीति बनाने का समय देंगे, जिससे रिस्क मैनेजमेंट आसान हो जाएगा।
- कैश और डेरिवेटिव्स का सिंक्रोनाइजेशन: दोनों सेगमेंट्स में एक जैसी प्री-ओपन टाइमिंग से बाजार का समग्र बैलेंस बनेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव F&O मार्केट वॉल्यूम को बढ़ावा देगा और छोटे-बड़े निवेशकों के लिए ट्रेडिंग को अधिक आकर्षक बनाएगा।
तैयारी कैसे करें? महत्वपूर्ण टिप्स
- रिस्क मैनेजमेंट: प्री-ओपन में वॉल्यूम कम हो सकता है, इसलिए सावधानी बरतें।
- यह बदलाव भारतीय डेरिवेटिव्स मार्केट को वैश्विक स्तर पर और मजबूत करेगा।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी शैक्षिक उद्देश्य से है, निवेश से पहले विशेषज्ञ से परामर्श करें।
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