NPS में बड़ा बदलाव: गोल्ड-सिल्वर ETF और Nifty 250 इंडेक्स में निवेश की अनुमति, रिटर्न बढ़ाने का नया मौका

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में निवेशकों के लिए खुशखबरी है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने 10 दिसंबर 2025 को जारी मास्टर सर्कुलर के जरिए NPS, यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) और अटल पेंशन योजना (APY) में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब पेंशन फंड्स को गोल्ड और सिल्वर ETF, Nifty 250 इंडेक्स और कैटेगरी I व II अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs) में निवेश करने की छूट मिल गई है। ये बदलाव NPS निवेश को अधिक आकर्षक और रिवार्डिंग बनाएंगे, जिससे लंबी अवधि के रिटर्न में सुधार की उम्मीद है।

NPS निवेश नियमों में क्या-क्या बदलाव हुए?

PFRDA का यह नया सर्कुलर मार्च 2025 के पुराने दिशानिर्देशों को बदल देता है। यह सेंट्रल/स्टेट गवर्नमेंट (डिफॉल्ट), कॉर्पोरेट CG, NPS लाइट, अटल पेंशन योजना और APY फंड स्कीम पर लागू होगा। मुख्य बदलाव इस प्रकार हैं:

1. गोल्ड और सिल्वर ETF में निवेश की मंजूरी

  • अब पेंशन फंड्स स्कीम के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) का अधिकतम 1% तक गोल्ड और सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में लगा सकेंगे।
  • यह कदम सोने-चांदी की कीमतों के उतार-चढ़ाव से फायदा उठाने का मौका देगा, जो NPS पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करेगा।

2. Nifty 250 इंडेक्स में इक्विटी निवेश

  • Nifty 250 इंडेक्स की इक्विटी शेयर्स में निवेश की अनुमति मिली है, जिसमें Nifty 250 के अलावा चुनिंदा BSE 250 स्टॉक्स भी शामिल हैं।
  • इक्विटी निवेश का 90% टॉप 200 स्टॉक्स में होना जरूरी है। इंडेक्स में बदलाव होने पर 6 महीने के अंदर अपडेट करना होगा।
  • इससे मिड-कैप सेगमेंट में एक्सपोजर बढ़ेगा, जो हाई ग्रोथ पोटेंशियल वाले स्टॉक्स पर फोकस करेगा।

3. अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs) में एंट्री

  • कैटेगरी I और II AIFs में निवेश की छूट, लेकिन गवर्नमेंट सेक्टर स्कीम्स के लिए AUM का 1% तक सीमित।
  • ये फंड्स इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट और अन्य वैकल्पिक एसेट्स में निवेश करते हैं, जो NPS को अधिक डायवर्सिफाइड बनाएंगे।

NPS एसेट एक्सपोजर लिमिट्स में संशोधन

नए नियमों के तहत विभिन्न एसेट क्लासेस में निवेश की सीमाएं इस प्रकार हैं:

एसेट क्लासअधिकतम एक्सपोजर लिमिटमुख्य शर्तें
गवर्नमेंट सिक्योरिटीज (G-Secs)65%सेंट्रल/स्टेट सिक्योरिटीज, PSU बॉन्ड्स, गिल्ट म्यूचुअल फंड्स (G-Sec पोर्टफोलियो का 5%)
कॉर्पोरेट डेब्ट/डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स45%न्यूनतम AA रेटिंग, पेंशन लायबिलिटीज से मैचिंग मैच्योरिटी
शॉर्ट-टर्म डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स10%लिक्विडिटी मैनेजमेंट के लिए, जैसे ट्रेजरी बिल्स, कमर्शियल पेपर्स (A1+ रेटिंग)
इक्विटीरिस्क कंट्रोल के साथ90% टॉप 200 स्टॉक्स में, स्पॉन्सर ग्रुप में 5% कैपिटल तक
एसेट-बैक्ड, ट्रस्ट-स्ट्रक्चर्ड और अन्य5%AIFs, गोल्ड/सिल्वर ETFs, REITs/InvITs, CMBS/RMBS शामिल
  • इंडस्ट्री कंसंट्रेशन: किसी एक इंडस्ट्री में कुल AUM का 15% से ज्यादा निवेश नहीं।
  • REITs/InvITs लिमिट: कुल 3% तक, किसी एक इश्यू में 15% तक।
  • डेरिवेटिव्स हेजिंग के लिए 5% तक, इक्विटी म्यूचुअल फंड्स 5% तक।

NPS, UPS और APY के लिए क्या फायदा?

ये बदलाव NPS को अधिक फ्लेक्सिबल और रिवार्डिंग बनाएंगे। गोल्ड-सिल्वर ETFs से इन्फ्लेशन हेजिंग, Nifty 250 से ग्रोथ पोटेंशियल और AIFs से वैरायटी मिलेगी। हालांकि, PFRDA ने जोखिम प्रबंधन पर जोर दिया है, जैसे क्रेडिट क्वालिटी और डायवर्सिफिकेशन।

अटल पेंशन योजना (APY) और UPS के तहत भी ये नियम लागू होंगे, जिससे छोटे निवेशकों को भी लाभ मिलेगा। NPS में इक्विटी, डेब्ट और G-Secs के मिश्रण से लंबे समय में बेहतर रिटर्न की संभावना बढ़ेगी।

NPS में निवेश कैसे शुरू करें?

NPS एक कम लागत वाला रिटायरमेंट स्कीम है, जहां टैक्स बेनिफिट्स (सेक्शन 80C, 80CCD) के साथ 14% तक इक्विटी एक्सपोजर संभव है। PFRDA की वेबसाइट या POPs (PoS) के जरिए रजिस्ट्रेशन करें। नए नियमों से NPS Tier I और Tier II दोनों अकाउंट्स प्रभावित होंगे।

निष्कर्ष:

PFRDA के इन बदलावों से NPS अब अधिक आकर्षक लग रहा है। अगर आप रिटायरमेंट प्लानिंग कर रहे हैं, तो गोल्ड ETF, Nifty 250 और AIFs जैसे ऑप्शन्स का फायदा उठाएं। अधिक जानकारी के लिए PFRDA की आधिकारिक साइट चेक करें।

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