Sensex Target Price: क्या भारतीय शेयर बाजार की मंदी खत्म हो चुकी है? ग्लोबल ब्रोकरेज दिग्गज Morgan Stanley ने साफ कहा – हाँ! अब बाजार macro-driven फेज में जा रहा है, जहाँ stock-picking की अहमियत घटेगी और growth acceleration का दौर शुरू होगा। और सबसे बड़ी खबर – Sensex जून 2026 तक 1,00,000 के जादुई आंकड़े को छू सकता है!
तीन परिदृश्य: बुल, बेस और बेयर केस
Morgan Stanley ने अपने लेटेस्ट रिपोर्ट में Sensex के लिए तीन संभावनाएं बताई हैं:
| परिदृश्य | संभावना | Sensex टारगेट (जून 2026) | अपेक्षित रिटर्न |
|---|---|---|---|
| Bull Case | 30% | 1,00,000 | +19% |
| Base Case | 50% | 89,000 | +6.6% |
| Bear Case | 20% | 70,000 | -16% |
वर्तमान स्तर: ~83,500 (5 नवंबर 2025)
क्यों खत्म हुई बाजार की गिरावट?
Morgan Stanley के चीफ इंडिया इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट Ridham Desai और Nayant Parekh की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की underperformance अब रिवर्स हो रही है। ये हैं प्रमुख ड्राइवर्स:
- RBI की रीफ्लेशन पॉलिसी: Rate Cuts, CRR Cut, Liquidity Infusion
- सरकार का फ्रंट-लोडेड कैपेक्स + ₹1.5 लाख करोड़ का GST Rate Cut
- चीन के साथ संबंधों में सुधार + China की Anti-Involution Policy
- India-US Trade Deal की संभावना – सेंटीमेंट को मिलेगा बूस्ट
- Oil Intensity in GDP में गिरावट → Lower Real Rates संभव
- Services Exports में उछाल + Fiscal Consolidation
“High Growth + Low Volatility + Falling Rates = Higher P/E” – Morgan Stanley
बाजार का नया चेहरा: मैक्रो ड्रिवन, कम स्टॉक-पिकिंग
अब household balance sheets में equity allocation बढ़ेगा। Inflation Volatility कम होगी → Interest Rate & Growth Volatility में कमी। नतीजा? Structurally Higher Valuations!
टॉप 10 ओवरवेट स्टॉक्स – Morgan Stanley की पसंद
ये हैं वो 10 दमदार शेयर जिन पर ब्रोकरेज सबसे ज्यादा बुलिश है:
- Maruti Suzuki
- Trent
- Titan Company
- Varun Beverages
- Reliance Industries (RIL)
- Bajaj Finance
- ICICI Bank
- Larsen & Toubro (L&T)
- UltraTech Cement
- Coforge
इन स्टॉक्स में overweight रहने की सलाह – लॉन्ग टर्म ग्रोथ की गारंटी!
अपकमिंग ट्रिगर्स – बाजार को मिलेगा रॉकेट बूस्ट
Morgan Stanley ने बताया कि अगले कुछ महीनों में ये घटनाएं बाजार को नई ऊंचाई पर ले जाएंगी:
- Positive Earnings Revisions
- RBI Rate Cuts (अगली तिमाही में)
- PSU Privatization
- US Tariffs में कमी (भारत के लिए)
- FPI Inflows – अभी पोजिशनिंग लो है, लेकिन रिकवरी के साथ आएगा उछाल
जोखिम क्या हैं? (Downside Risks)
हालांकि सब कुछ पॉजिटिव नहीं। ये हैं प्रमुख खतरे:
- Global Growth Slowdown
- Geopolitical Tensions में बढ़ोतरी
- Corporate Issuances में तेजी → लिक्विडिटी पर दबाव
निष्कर्ष: सुधार खत्म, बूम का इंतजार!
Morgan Stanley का मानना है कि अक्टूबर में relative valuations ने बॉटम बना लिया। अब India’s Hawkish Macro Setup अनवाइंड हो रहा है। FPI Positioning अभी लो है – यानी entry का सही मौका!
अगर आप लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर हैं, तो अभी पोर्टफोलियो में एक्सपोजर बढ़ाने का समय है!
डिस्क्लेमर: यह न्यूज केवल जानकारी के लिए है। मार्केट में रिस्क है – खुद रिसर्च करें। रेकमेंडेशन्स पर्सनल ओपिनियन हैं, इन्वेस्टमेंट एडवाइस नहीं।
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