नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) सेक्टर में एक नया उत्साह पैदा हो गया है। मनीबॉक्स फाइनेंस लिमिटेड ने अपने निवेशकों को खुशखबरी दी है। कंपनी के बोर्ड ने 1:1 बोनस शेयर इश्यू का रिकॉर्ड डेट तय कर दिया है, जिसके बाद कंपनी के शेयरों में जोरदार उछाल देखने को मिला। यह खबर उन निवेशकों के लिए खास है जो NBFC स्टॉक्स में रुचि रखते हैं। आइए जानते हैं इस बोनस इश्यू के बारे में विस्तार से, जो न केवल कंपनी की वित्तीय मजबूती को दर्शाता है बल्कि बाजार में सकारात्मक संकेत भी देता है।
बोनस शेयर इश्यू क्या है और यह कैसे काम करता है?
बोनस शेयर इश्यू का मतलब है कि कंपनी अपने रिजर्व फंड से मौजूदा शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर मुफ्त में जारी करती है। मनीबॉक्स फाइनेंस के मामले में 1:1 रेशियो का मतलब है कि हर एक मौजूदा शेयर पर एक नया शेयर मिलेगा। यह इश्यू कंपनी की मजबूत बैलेंस शीट और भविष्य की ग्रोथ पर भरोसे का संकेत है। बोनस शेयर रिकॉर्ड डेट 15 दिसंबर 2025 (सोमवार) तय किया गया है। इसका मतलब है कि जो निवेशक इस तारीख तक कंपनी के शेयर होल्ड करेंगे, उन्हें बोनस शेयर का लाभ मिलेगा।
यह कदम निवेशकों को आकर्षित करने और शेयर की लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए उठाया गया है। NBFC कंपनियों में बोनस इश्यू अक्सर तब होते हैं जब कंपनी का परफॉर्मेंस स्थिर होता है और वह अपने शेयरधारकों को रिवॉर्ड देना चाहती है।
शेयर प्राइस में 5% की तेजी: बाजार की प्रतिक्रिया
बोर्ड की इस घोषणा के बाद मनीबॉक्स फाइनेंस के शेयरों ने बाजार में धमाल मचा दिया। पिछले बंद भाव 133.60 रुपये से इंट्राडे हाई 139.95 रुपये तक पहुंच गया, जो करीब 4.75% की तेजी दर्शाता है। हालांकि, बाद में यह 134.45 रुपये पर समाप्त हुआ। कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन अब 439.71 करोड़ रुपये के आसपास है।
यह उछाल NBFC स्टॉक मार्केट ट्रेंड को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण है। हाल के महीनों में NBFC सेक्टर में उतार-चढ़ाव देखा गया है, लेकिन ऐसी पॉजिटिव न्यूज निवेशकों का विश्वास बहाल करती है।
मनीबॉक्स फाइनेंस लिमिटेड का बैकग्राउंड: ग्रामीण भारत पर फोकस
मनीबॉक्स फाइनेंस लिमिटेड 1994 में स्थापित हुई थी और 2019 में अपना नाम बदला गया। यह RBI से रजिस्टर्ड NBFC है, जो मुख्य रूप से माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज (MSMEs) को छोटे बिजनेस लोन प्रदान करती है। कंपनी का फोकस ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों पर है, जहां बैंकिंग सुविधाएं सीमित हैं।
कुछ प्रमुख आंकड़े जो कंपनी की ताकत दिखाते हैं:
- एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM): लगभग 1,000 करोड़ रुपये के करीब पहुंचा।
- ब्रांच नेटवर्क: 12 राज्यों में 163 ब्रांच।
- ग्राहक बेस: 2.17 लाख से ज्यादा ग्राहक प्रभावित, जिनमें 60% महिलाएं और 21% पहली बार क्रेडिट लेने वाले।
- लोन रेंज: 1 लाख से 25 लाख रुपये तक, सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड दोनों ऑप्शन।
कंपनी विशेष रूप से महिलाओं, पशुपालन करने वालों और न्यू-टू-क्रेडिट यूजर्स को टारगेट करती है, जो भारत के अंडरसर्व्ड सेगमेंट को मजबूत बनाता है।
वित्तीय परफॉर्मेंस: चुनौतियां और ग्रोथ की संभावना
कंपनी के हालिया फाइनेंशियल्स मिश्रित संकेत देते हैं। Q2 FY26 में रेवेन्यू 11.13% बढ़कर 55 करोड़ रुपये हो गया (पिछले साल 49.49 करोड़ था), जो 5 साल के रेवेन्यू CAGR 118.45% की ताकत दिखाता है। हालांकि, नेट प्रॉफिट में 86.21% की गिरावट आई, जो 2.03 करोड़ से घटकर 0.28 करोड़ रह गया।
अन्य प्रमुख मेट्रिक्स:
| मेट्रिक | वैल्यू |
|---|---|
| ROCE | 8.65% |
| ROE | 0.58% |
| EPS | -1.40 रुपये |
| डेट-टू-इक्विटी रेशियो | 2.44x |
ये आंकड़े बताते हैं कि कंपनी ग्रोथ के रास्ते पर है, लेकिन प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार की गुंजाइश है। लॉन्ग टर्म निवेशक ऐसी कंपनियों पर नजर रख सकते हैं जहां AUM बढ़ रहा हो।
निवेशकों के लिए सलाह: क्या करें आगे?
बोनस शेयर इश्यू 2025 जैसे इवेंट्स शेयर प्राइस को अस्थायी रूप से बूस्ट देते हैं, लेकिन लॉन्ग-टर्म वैल्यू के लिए कंपनी के फंडामेंटल्स चेक करें। अगर आप NBFC सेक्टर में निवेश सोच रहे हैं, तो RBI रेगुलेशंस, AUM ग्रोथ और डेट मैनेजमेंट पर फोकस करें। हमेशा फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें और रिस्क को समझें।
डिस्क्लेमर: यह लेख सूचना के उद्देश्य से है, निवेश सलाह नहीं। बाजार जोखिमों के अधीन है।
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