नेस्ले इंडिया के नए चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष तिवारी कंपनी को तेज, लचीला और फोकस्ड बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। अमेजन इंडिया के पूर्व कंट्री मैनेजर और यूनिलीवर के एग्जीक्यूटिव रह चुके तिवारी ने 1 फरवरी 2025 को मैनेजिंग डायरेक्टर-डिजाइनेट के रूप में जॉइन किया और 1 अगस्त 2025 से चेयरमैन और एमडी का पद संभाला। वे स्विस मल्टीनेशनल नेस्ले के इंडिया बिजनेस के पहले आउटसाइडर लीडर हैं। तिवारी का यह विजन ग्रामीण-शहरी बाजारों, मैगी और कॉफी जैसे ब्रांड्स की ग्रोथ, तथा प्रीमियम प्रोडक्ट्स पर केंद्रित है। आइए जानते हैं मनीष तिवारी नेस्ले इंडिया की रणनीति के प्रमुख बिंदु।
टेक्नोलॉजी से नेस्ले इंडिया को बनाएं फास्ट और फ्लेक्सिबल
मनीष तिवारी का मुख्य मंत्र है – “फास्टर, मोर फ्लेक्सिबल एंड मोर फोकस्ड”। वे टेक्नोलॉजी एडॉप्शन इन नेस्ले इंडिया को ऑपरेशंस के हर हिस्से में लागू कर रहे हैं, चाहे फैक्ट्री, सप्लाई चेन हो या सेल्स। डिजिटाइजेशन से होने वाली बचत को ब्रांड्स में री-इन्वेस्ट किया जाएगा। तिवारी कहते हैं, “टेक्नोलॉजी हमें बेहतर बनाने में मदद करेगी। मैं पे बैक पीरियड्स को इतना एफिशिएंट बनाना चाहता हूं कि यह अच्छा काम करे। साथ ही, टेक्नोलॉजी से एक्जीक्यूशन को मजबूत करेंगे।”
नेस्ले इंडिया अपनी 9 फैक्ट्रियों में लगभग सभी प्रोडक्शन लाइन्स को पूरी तरह डिजिटलाइज कर रही है। इस डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन से शॉर्ट प्रोडक्शन रन भी किफायती हो जाएंगे, वेस्टेज में भारी कमी आएगी और कुल मिलाकर कॉस्ट स्ट्रक्चर ऑप्टिमाइज होगा।
खास तौर पर पैकेजिंग में वेस्टेज को मौजूदा 1 इन ए मिलियन (यानी 10 लाख में 1 यूनिट) से घटाकर 1 इन 2 मिलियन (20 लाख में सिर्फ 1 यूनिट) करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है।
मनीष तिवारी साफ कहते हैं – “यह कॉस्ट कटिंग नहीं, बल्कि स्मार्ट ऑप्टिमाइजेशन है। हमें ग्रामीण भारत के लिए ₹5-₹10 जैसे लो-यूनिट प्राइस पैक उपलब्ध कराने हैं, लेकिन साथ ही शेयरहोल्डर्स की मार्जिन अपेक्षाओं को भी पूरा करना है। टेक्नोलॉजी से मिलने वाली बचत से हम दोनों लक्ष्य एक साथ हासिल कर रहे हैं – कंज्यूमर को सस्ता प्रोडक्ट और कंपनी को हेल्दी मार्जिन।”
शहरी और ग्रामीण बाजारों पर फोकस करते हुए, तिवारी माइक्रो-सेगमेंट्स को टारगेट करने के लिए बैकएंड टेक्नोलॉजी और फोरकास्टिंग को मजबूत कर रहे हैं। सोशल लिसनिंग, सर्च डेटा और रीयल-टाइम फीडबैक से मार्केट मॉनिटरिंग बेहतर होगी।
कोर ब्रांड्स को मजबूत करें, प्रीमियम प्रोडक्ट्स पर निवेश
नेस्ले इंडिया स्ट्रैटेजी के तीन फोकस एरिया हैं: कोर ब्रांड्स को स्ट्रेंग्थन करना, प्रीमियमाइजेशन, और नए बिजनेस जैसे प्योरिना (पेट फूड), नेस्प्रेसो और नेस्ले प्रोफेशनल (B2B फूड-बेवरेज सॉल्यूशंस) को बिल्ड करना। तिवारी कहते हैं, “लेगसी अच्छी है, लेकिन हमें इसे और बिल्ड करना होगा। प्रीमियमाइजेशन पर फोकस, और नए बिजनेस के लिए फंडिंग डिजिटाइजेशन से आएगी।”
मैगी – भारत का सबसे बड़ा पैकेज्ड नूडल ब्रांड – वॉल्यूम-लेड ग्रोथ पर जोर दे रहा है। मैगी प्रोडक्शन लाइन्स का विस्तार संनंद प्लांट में हो रहा है। इसी तरह, कॉफी मार्केट इन इंडिया तेजी से बढ़ रहा है, जहां नेस्काफे का बाजार मजबूत है। हाल ही में नेस्प्रेसो का पहला बाउटिक खोला गया, और तिवारी कहते हैं, “टॉप 30 मिलियन हाउसहोल्ड्स में नेस्प्रेसो मशीन होनी चाहिए।”
प्रीमियम प्रोडक्ट्स के लिए, नेस्ले ने डॉ. रेड्डीज के साथ JV में ₹705.6 करोड़ निवेश किया है वेलनेस और न्यूट्रिशन प्रोडक्ट्स के लिए। नए बिजनेस जैसे पेट फूड 10 सालों में भारत का बड़ा सेगमेंट बन सकता है।
ग्रामीण-शहरी मार्केट्स: 15% सेल्स ग्रामीण से, पेनेट्रेशन बढ़ाएं
नेस्ले इंडिया चॉकलेट्स, मिल्क, केचअप, कुकिंग एड्स, इन्फेंट न्यूट्रिशन, सीरियल्स, दही, नूडल्स, कॉफी और पेट फूड बेचता है। मैगी नूडल्स का मंथली हाउसहोल्ड पेनेट्रेशन 20% से ज्यादा है। किटकैट चॉकलेट का भारत दूसरा सबसे बड़ा मार्केट है। हालांकि, पर कैपिटा कंजम्प्शन ग्लोबली सबसे कम है।
ग्रामीण सेल्स 15% है (कंपटीटर ब्रिटानिया के 40% से कम), इसलिए अफोर्डेबल पैक्स और डीपर रूरल रीच पर फोकस। तिवारी उत्साहित हैं, “दोनों एंड्स ऑफ मार्केट – अर्बन और रूरल – में ग्रोथ पोटेंशियल है।” वॉल्यूम-लेड एक्सपैंशन से हाई सिंगल-डिजिट ग्रोथ का टारगेट अगले 5 सालों के लिए।
कैपेसिटी एक्सपैंशन और ग्रोथ फिगर्स: ₹4,200 करोड़ निवेश
2025 तक ₹4,200 करोड़ का निवेश नूडल्स, कॉफी और चॉकलेट्स के लिए। इसमें ओडिशा में 10वीं फैक्ट्री के लिए ₹900 करोड़ शामिल है, जो प्रिपेयर्ड डिशेज और कुकिंग एड्स के लिए होगी। पिछले 2 फाइनेंशियल ईयर्स में एनुअल कैपेक्स ₹2,000 करोड़ रहा। FY25 में रेवेन्यू ₹20,201.5 करोड़ (पिछले 15 महीनों में ₹24,393.8 करोड़)। सितंबर क्वार्टर में 10.9% ग्रोथ ₹5,630.2 करोड़ तक। जीएसटी रेशनलाइजेशन से बूस्ट मिला।
नवाचार में तेजी: माइक्रो-मार्केट्स में पायलट लॉन्च, क्विक-कॉमर्स पर ट्रायल। उदाहरण – नेस्टीआ के लो-शुगर आइस्ड टी को तमिलनाडु प्लांट से लॉन्च, रिव्यूज से फीडबैक। तिवारी कहते हैं, “बिग नेशनल लॉन्चेस होंगे, लेकिन फ्लेक्सिबिलिटी के लिए माइक्रो-मार्केट्स यूज करेंगे।”
भविष्य की योजनाएं: इनोवेशन स्पीड और कंज्यूमर एंगेजमेंट
मनीष तिवारी ब्रांड्स के पीछे ज्यादा निवेश, फ्यूअर बोल्ड चीजें और बाकी में एफिशिएंसी पर जोर देंगे। ऑटोमेशन से लो-पेनेट्रेशन मार्केट में एफिशिएंसी गेन। एनालिस्ट्स का मानना है कि तिवारी के नेतृत्व में डिजिटल एक्सेलरेशन, एक्जीक्यूशन और इनोवेशन स्पीड बढ़ेगी। कंज्यूमर एंगेजमेंट, अफोर्डेबिलिटी और रूरल रीच पर फोकस से नेस्ले इंडिया की ग्रोथ मजबूत होगी।
नेस्ले इंडिया टेक्नोलॉजी और प्रीमियम प्रोडक्ट्स की यह स्ट्रैटेजी कंपनी को भारत के FMCG सेक्टर में लीडर बनाए रखेगी। शेयर्स 3.31% ऊपर ₹1,215.35 पर ट्रेड कर रहे हैं।
डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बजाज जोखिमों के अधीन है कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह लें।
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